राजनांदगांव(दावा)। बचने-बचाने के दौर में जहां सभी चौक-चौराहों पर दवाईयां, ऑक्सीजन सिलेंडर, वैक्सीन उपलब्ध होनी चाहिए, उस दौर में छत्तीसगढ़ सरकार शराब की बिक्री कर रही है। भाजयुमो जिला अध्यक्ष मोनू बहादुर सिंह ने आरोप लगाया कि ऑनलाईन बिक्री और होम डिलीवरी की बात करने वाली यह सरकार अब चौक-चौराहों पर शराब की पेटियां लेकर बैठ गई है। संवेदनशील समय में इस तरह की गतिविधियों से साफ हो जाता है कि इस सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं। लोगों के स्वास्थ्य और उनकी जान से ज्यादा जरुरी इस सरकार के लिए शराब है। भाजयुमो अध्यक्ष मोनू ने कहा कि वैक्सीनेशन सेंटरों में लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। लोगों में वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन को लेकर आपाधापी मची हुई है क्यूंकि सरकार ने इसके लिए बेहतर व्यवस्था तैयार नहीं की है। लोगों को बगैर टीकाकरण के लौटना पड़ रहा है। दूसरी ओर ऑक्सीजन की कमी से एक बड़ा वर्ग जूझ रहा है। दवाईयां और बहुत से जरुरी संसाधनों पर जोर लगाने के बजाए सरकार अपने बाशिंदों से चौक-चौराहों पर शराब बिकवा रही है। सरकार अब शराब विक्रेता से शराब कोचिया बन चुकी है। जिस तरह की गतिविधियां देखने को मिल रही है उससे तो यही साफ होता है। मोनू ने कहा कि यह वक्त है जब चौक-चौराहों पर कोविड टेस्ट की सुविधा मिले, वैक्सीनेशन हो, दवाईयां मिले और हम लोगों को जागरुक करें। लेकिन भूपेश सरकार इसके उलट खतरा बढ़ा ही रही है। मोनू ने कहा कि, इस सामाजिक बुराई को खत्म करने कई संघर्ष होते रहे हैं जिसे सरकार अब दुकानों से बाहर निकालकर चौक-चौराहों तक पहुंचा रही है। जरुरी यह भी है कि कांग्रेसी भी इस मामले में सामने आएं और इस तरह की गतिविधियों का विरोध करें। यह विषय राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक है। संस्कारधानी की मर्यादा से इस तरह सरकार खिलवाड़ नहीं कर सकती। अगर, कांग्रेसियों में थोड़ी भी सामाजिक जिम्मेदारी बची हुई है तो उन्हें इसका विरोध करने सामने आना ही चाहिए।