रायपुर, छत्तीसगढ़ में कोरोना काल और बेमौसम बारिश की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 12.80 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण किया जा चुका है। 12.09 लाख संग्राहकों ने यह काम किया है। उन्हें 512 करोड़ रुपये संग्रहण पारिश्रमिक का वितरण किया जाएगा। वहीं, इसके विपरीत अन्य राज्यों में इस वर्ष तेंदूपत्ता के संग्रहण में 30-40 फीसद की कमी आई है।
बस्तर संभाग में चार लाख 24 हजार मानक बोरा का संग्रहण
अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष मई में पूरे प्रदेश में विशेषकर बस्तर संभाग में लगातार बारिश होती रही है। वर्तमान में भी यास चक्रवात के कारण प्रदेश के उत्तरी क्षेत्रों में वर्षा हो रही है। इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी बस्तर संभाग में 28 मई की स्थिति में 4,24,118 मानक बोरा का संग्रहण किया जा चुका है, जो कि लक्ष्य का 84 फीसद है।
संग्राहकों को नकद भुगतान की स्वीकृति
कोरोना की स्थिति को देखते हुए पूरे बस्तर संभाग में संग्राहकों को तत्काल पारिश्रमिक की राशि मिल सके, इसके लिए नकद भुगतान की स्वीकृति दी गई है। तेंदूपत्ता संग्रहण से बस्तर संभाग में 170 करोड़ रुपये पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। इसमें से 40 फीसद राशि का भुगतान हो चुका है।
लघु वनोपज उपार्जन में देश में प्रथम स्थान
अधिकारियों का कहना है कि तेंदूपत्ता के साथ-साथ लघु वनोपज के संग्रहण में भी राज्य सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। ऐसे समय में जब राज्य कोरोना महामारी से पिछले एक वर्ष से जूझ रहा है। गांव से लेकर शहरों तक गरीबों के पास रोजगार का कोई साधन नहीं है। राज्य सरकार ने लघु वनोपज का रिकार्ड उपार्जन करते हुए न केवल देश में प्रथम स्थान पाया है, बल्कि लगभग छह लाख परिवारों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराया है।