Home छत्तीसगढ़ खाद की कीमत घटकर 1200 होने से किसानों के चेहरे खिले

खाद की कीमत घटकर 1200 होने से किसानों के चेहरे खिले

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केन्द्र सरकार ने दी दो-दो बार सब्सिडी की छूट

राजनांदगांव (दावा)। केन्द्र सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कारणों से बढ़े हुए खाद के दामों में दो-दो बार सब्सिडी देकर किसानों को राहत पहुंचाई है। कोरोना काल में उपरोक्त कारणों से डीएपी और एनपी के बाद में 2400 रूपये प्रति बोरा की बढ़ोतरी हो गई थी। केन्द्र की सरकार ने इस बढ़े हुए दामों से किसानों को राहत देने प्रति बोरी 500 रूपये की सब्सिडी दी। इसके बाद इन खादो की कीमत 1800 रूपये प्रति बोरी हो गई। इससे भी किसानों को राहत नहीं मिल रहा था अत: देश के अन्नदाताओं की चिंता करते हुए मिल रहा था अत: देश के अन्नदाताओं की चिंता करते हुए मोदी सरकार ने फिर 500 रूपये की सब्सिडी दी इससे उक्त खाद का दाम अपने पहले के पुराने कीमत 1200 रूपये प्रति बोरी में आ गया।
ज्ञात हो कि खाद के बढ़े हुए दाम से किसान परेशान थे तथा इसका लगातार विरोध भी किया जा रहा था। किसान इस बढ़े हुए कीमत में खाद की खरीदी करने तैयार नहीं थे। ऐसे हालात में किसानों की चिंता करने वाली मोदी सरकार द्वारा दो-दो बार सब्सिडी प्रदान कर 2400 व 1800 से सीधे घटा कर 1200 रूपये प्रति बोरी कर दी गई। इससे किसानों को दुसरे बार की सब्सिडी में सीधे 650 रूपये की बचत हो रही है।
ज्ञात हो कि धान की फसल में ज्यादातर डीएपी खाद का छिडक़ाव होता है। खेती में इस खाद के पीछे किसानों को ज्यादा रकम खर्च करना पड़ता है। ताकि धान की अच्छी पैदावारी हो सके लेकिन इस बार कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के बीच उर्वरकों के उत्पादन में उपयोग किये जाने वाले कच्चे माल की अंतराष्ट्रीय स्तर पर भाव बढऩे से खाद के दाम में वृद्धि हुई जिस पर केन्द्र सरकार ने किसानों को राहत देने दो-दो बार सब्सिडी देकर इसकी कीमत को काफी कम किया जिससे किसानों को उक्त खाद खरीदने में ज्यादा भार न पड़ सके।
खाद की कीमत कम हुई
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि डीएपी खाद की संशोधित कीमत नहीं आने पर कुछ दिन तक 1800 रूपये प्रति बोरी के हिसाब से खाद बिका। जब राज्य सरकार द्वारा उपर से संशोधित रेट की जानकारी आने पर लिखित में सूचना दिये जाने के उपरांत सोसाइटी में उक्त घटे हुए दर में खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। डीएपी की नई दर 1200 रूपये प्रति बोरी के हिसाब से सोसायटियों में खाद बिक्री की व्यवस्था की गई है।

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