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सोसाटियों से डीएपी खाद गायब, किसान हो रहे परेशान

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मानसून की आहट के साथ खाद का स्टाक रखने सोसाटियों का चक्कर लगा रहे किसान

राजनांदगांव(दावा)। कोरोना संकट के बीच प्री-मानसून की आहट के साथ जिले में खेती कार्यों में तेजी आ गई है। किसानों का रुख खेतों की ओर है। किसान खरीफ फसल बोनी की तैयारी में जुटे हुए हैं। खेती के लिए किसान जिला सहकारी समितियों से खाद व बीज का उठाव करने लगे हंै। वहीं जिले की कई सहकारी समितियों में डीएपी खाद का स्टॉक खत्म हो गई है। खाद लेने पहुंच रहे किसान चक्कर काट-काट कर हलाकान हो रहे हैं।
सोसायटी पहुंच रहे किसान खाद नहीं मिलने से भटकने मजबूर हंै। जिला सहकारी समिति से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में सप्ताह भर से डीएपी खाद का रेक नहीं पहुंचा है। इसकी वजह से जिले में खाद की किल्लत हो गई है। बताया जा रहा है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल खाद का उठाव अधिक हो रहा है। मांग अधिक होने व आपूर्ति कम होने से खाद की कमी है।
अधिकांश सोसाटियों में स्टाक खत्म
जानकारी के अनुसार जिले के वनांचल क्षेत्र मानपुर, मोहला, छुरिया, साल्हेवारा डोंगरगांव सहित सोमनी, अंजोरा, ढाबा, सिंघोला, कन्हारपुरी सहित अधिकांश सोसायटियों में सप्ताहभर से खाद का स्टॉक खत्म हो गया है। खाद नहीं मिलने से किसानों को सहकारी बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि खाद का स्टाक आने की जानकारी सहकारी बैंक के कर्मचारियों को भी नहीं है। इसकी वजह से स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने से किसान भटकने मजबूर हैं।
अब तक 149 करोड़ रुपए का ऋण वितरण
जिला सहकारी बैंक से मिली जानकारी के अनुसार खरीफ फसल के लिए किसान खाद के अलावा नगदी ऋण भी ले रहे हैं। जिले में अब तक 40 हजार 850 किसानों द्वारा 149 करोड़ 96 लाख रुपए का ऋण लिया जा चुका है। जबकि 633 करोड़ रुपए ऋण वितरण का लक्ष्य है। वहीं इस साल जिले में 70 हजार टन खाद वितरण का लक्ष्य है। इसके एवज में अब तक 22 हजार 706 मिट्रिक टन ही खाद का वितरण हुआ है। खाद की कमी से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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