महिला समूह के साथ धोखाधड़ी की जांच व एडीवी प्रोजेक्ट पर एसआईटी बिठाना जरूरी
राजनांदगांव(दावा)। कांग्रेस नेता एवं जिले के पूर्व सांसद स्व. शिवेन्द्र बहादुर व डोंगरगांव की विधायक रही स्व. श्रीमती गीता देवी सिंह के सुपुत्र भवानी बहादुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश में 15 सालों तक सत्तासीन रहे डॉ. रमन सिंह के शासन काल में राजनांदगांव जिले की आन-बान-शान के रूप में विख्यात बीएनसी मिल को कौडिय़ों के दाम में बेच दिया गया। उसके बाद जिले में कोई नया उद्योग, फैक्ट्री या कारखाना नहीं खोला गया, जिससे कि लोगों को रोजगार मिल सके। शहर सहित आसपास के हजारों लोगों को काम देने वाला बीएनसी मिल बंद आज पड़ा हुआ है। इसे प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद चालू कराया जाना है, लेकिन कोरोना संकट के चलते मिल चालू करने की राह में बाधा बना हुआ है।
श्री सिंह ने बताया कि उनके पिता स्व. श्री शिवेन्द्र बहादुर अपने सांसद कार्यकाल में दिल्ली से पैसा लाकर बी.एन.सी. मिल के कामगारों के लिए वेतन की व्यवस्था करते थे। इस तरह उन्होंने दिल्ली से पैसा लाकर सन 1991 तक चलाया, लेकिन केन्द्र में भाजपा शासन के समय उक्त मिल का भ_ा ही बैठ गया। डॉ. रमन सिंह केन्द्र में उद्योग मंत्री रहने के बाद भी कुछ नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन के प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यकाल में बंद पड़े बीएनसी मिल की जमीन का क्या हुआ किसी को पता नहीं। फैक्ट्री बंद हुआ तो नया फैक्ट्री आना चाहिए, वह भी नहीं आया। श्री सिंह ने चुनाव के समय राहुल गांधी द्वारा बीएनसी मिल चालू कराने के किये गये वादे के सम्बंध में पूछे गये प्रश्न के जवाब में कहा कि यदि कोरोना संकट नहीं होता तो श्री गांधी के नांदगांव की जनता से किये गये वादे के अनुसार बी.एन.सी. मिल चालू हो जाता।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सुविधा की बात करने वाले डॉ. रमन सिंह बताएं कि अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में कितने अस्पतालों का निर्माण कराया अथवा पूर्व में निर्मित अस्पतालों में स्टाफ की व्यवस्था करवाई। जिले की पहचान बीएनसी मिल का जीर्णोद्धार न कर मिल की आरक्षित भूमि को अपने दलालों को कौडिय़ों के दाम बेचा। आज सरकार चाह कर भी मिल को पुन: स्थापित नहीं कर पा रही है। जिले के सांसद चाहे तो उचित पहल कर रिक्त भूमि का किसी न किसी रूप में जीर्णोद्धार कर सकते हैं।
एडवेंचर स्पोर्टस की राशि का बंदरबाट
कांग्रेस के भवानी बहादुर सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि मां बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ में पहाड़ी के पीछे वन विभाग की 8 एकड़ भूमि पर एडवेंचर स्पोर्टस बनाया जाना था, लेकिन इसके नाम से एक करोड़ की राशि का भाजपा शासन में बंदरबाट हुआ। उच्चाधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। श्री सिंह ने कहा कि एक करोड़ के निर्माण के पूर्व न तो भूमिपूजन हुआ न लोकार्पण हुआ। एडवेंचर स्पोर्टस के नाम पर आधा अधूरा हुआ निर्माण खण्डहर में तब्दील हो गया। उन्होंने कहा कि जिले के भाजपा के पांच-पांच सांसद हुए लेकिन केन्द्र से एक भी योजना नहीं लेकर आ पाए। यदि वे कुछ किये हो तो बताएं कि केन्द्र से कितना पैसा लाए व कितना रोजगार सृजन किये? श्री सिंह ने बताया कि उनके पिता जी सांसद थे तो केन्द्र से लडक़र नवोदय विद्यालय लाया। ट्रेन के दो स्थानों का सर्वे कराया। उनके कारण जिले में 2 जंक्शन बन रहे हैं।
महिला समूह से धोखाधड़ी
श्री सिंह ने बताया कि डोंगरगांव की लोकप्रिय विधायक व उनकी माता श्रीमती गीता देवी सिंह का महिला समूह एक ड्रीम प्रोजेक्ट था। सन् 2002 में श्रीमती गीता देवी सिंह के नेतृत्व में डोंगरगांव में हुए विशाल एवं एतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के बाद ही प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की शक्ति को एक पहचान मिली थी। सरकार की ओर से महिलाओं को संगठित करने के उद्देश्य से महिलाओं के विभिन्न समूह बनाए गये और उन्हें आर्थिक मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से अनेक योजनाओं के माध्यम से उन्हें सुविधाजनक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती रही। लेकिन अधिकांश महिला समूह पर्याप्त रूप से शिक्षित नहीं होने के कारण अधिकारियों द्वारा आर्थिक शोषण का शिकार हो रही है। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न विकासखंडो में महिला समूह के साथ धोखाधड़ी किये जाने के शिकायते है। किन्तु महिला समूह के साथ की गई आर्थिक गड़बड़ी को उच्चाधिकारियों व तथाकथित नेताओं के संरक्षण में दबा दिया जाता है। उन्होंने इस संदर्भ में डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत भंडारपुर की महिला समूह से 45 लाख रामाटोला महिला समूह के साथ 63 हजार की आर्थिक धोखाधड़ी व हेराफेरी की जांच नहीं होने की बात कही। तथा कहा कि जनप्रतिनिधि कर्ज में डूबे महिला समूह को न्याय नहीं दिला पा रहे है।