सभी गोठानों में सुनिश्चित हो हरे चारे की उपलब्धता: बघेल
रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में बनाए गए गोठानों में पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि गोठानों में चारागाह के लिए आरक्षित भूमि पर अनिवार्य रूप से नेपियर घास लगाई जाए। इसी तरह वन विभाग वनों में घास लगाने का काम सर्वाेधा प्राथमिकता से करे और यह भी सुनिश्चित करें कि वनों से हरा चारा गोठानों तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने गोठानों में चारे के साथ, मवेशियों के लिए पानी और शेड बनाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री बघेल शनिवार को यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, लघु वनोपज, फलदार और औषधीय पौधों का रोपण, प्रसंस्करण, विपणन और सड़क किनारे वृक्षारोपण की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि एक जुलाई को गांवों में रोका छेका का आयोजन किया जाए, जो गोठान समितियां सक्रिय नहीं है, उनका पुनर्गठन किया जाए।
विकासखंड स्तर पर गोठान समितियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए और जो गोठान अधूरे है, उन्हें प्राथमिकता से पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठानों में हरे चारे का उत्पादन, वनों से गोठानों तक हरा चारा पहुंचाने और चारे की कटाई की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। हरा चारा उपलब्ध होने से मवेशी गोठानों में जाएंगे, चारा मिलने से दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि नेपियर घास के बीज, सिंचाई और मनरेगा से रोपाई की व्यवस्था की जाए। यह भी ध्यान रखा जाए कि चारागाह में काम करने वालों की आय बाड़ी या गोठान में काम कर रहे दूसरे स्व-सहायता समूहों से कम न हो।
बैठक में जानकारी दी गई कि गोठानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा लगभग छह लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट और दो लाख क्विंटल सुपर कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है। इसमें से तीन लाख 56 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट और 32 हजार 656 क्विंटल सुपर कंपोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। प्रदेश में 10 हजार 57 गोठानों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें 5820 गोठान सक्रिय है।
सड़कों के किनारे रोपे गए करीब सात लाख पौधे
अफसरों ने बताया कि बीते दो वर्षाें में 309 सड़कों में 1610.23 किलोमीटर लंबाई में छह लाख 88 हजार 950 पौधे रोपे गए हैं। राम वन गमन पथ की 119 सड़कों में 575.96 किलोमीटर की लंबाई में एक लाख 70 हजार 190 पौधों का रोपण किया गया है। इसी तरह 56 नदियों के तट पर 1832.40 हेक्टेयर क्षेत्रफल और 45.75 किलोमीटर लंबाई में 20 लाख 50 हजार से अधिक पौधे लगाए गए हैं।