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धीरी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की न जांच हुई न दोषियों पर कार्रवाई

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राजनांदगांव(दावा)। सोमनी क्षेत्र के गांवों में पानी पहुंचाने लगभग 28 करोड़ रूपये की राशि से बने नलजल योजना में भारी गड़बड़ी की गई है। बिना प्लानिंग के और तकनीकी मापदंड को दरकिनार कर उक्त प्रोजेक्ट को ईरागांव में शिफ्ट किया गया जबकि यह धीरी में बनना था, जहां एनीकट में पानी ही नही रहता और एनीकट का लेवल स्तर नीचे रहता है।

ऐसी जगह में एनीकट का निर्माण किया गया है और इंटकवेल ऐसी जगह बनाया गया है जो एनीकट से अधिक ऊंचाई पर है एवं लगभग एक किलोमीटर दूर है, जबकि इंटकवेल का निर्माण हमेशा नदी या बांध के उस किनारे पर किया जाता है, जहां हमेशा पानी भरा रहता है। भ्रष्टाचार के चक्कर में विभागीय अधिकारी ठेकेदार से मिलीभगत के चलते 24 गांवों के लोगों को पेयजल एवं निस्तारी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। धीरी नलजल योजना के आसपास जितने भी एनीकट का निर्माण किया गया है, उन सब निमार्णो में दरारें पड़ चुकी है।

आन्दोलन करने वाले कांग्रेसी हो गए गायब
इस मामले में पीएचई पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार हो हल्ला मचाने व नेशनल हाइवे में प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी नेता एका एक गायब हो गए है। इससे कांग्रेसियों के प्रदर्शन व कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहें है। क्योकि मुद्दा वहीं की वहीं है और भ्रष्टाचार की भेंठ चढऩे की वजह से फ्लाफ है और अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

ईएनसी ने शुरुआत में ही कर दिया था मना
प्रोजेक्ट को धीरी से ईरा ले जाने का ईएनसी ने शुरुआत में ही विरोध किया था। मिली जानकारी के अनुसार ईएनसी के विरोध बाद भी पीएचई के अधिकारी द्वारा इस प्रोजेक्ट को ईरा में शिप्ट कर दिया गया। बताया जा रहा है कि योजना को धीरी से ईरा ले जाने में करीब 3 किलो मीटर तक का पाईप लाईन का खर्च बचा होगा। फिलहाल यह योजना भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गई है। इस मामले की अब तक न तो जांच हुई है और न ही किसी पर कोई कार्रवाई।

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