Home छत्तीसगढ़ राजनीतिक अखाड़ा बना अस्पताल भवन का लोकार्पण समारोह

राजनीतिक अखाड़ा बना अस्पताल भवन का लोकार्पण समारोह

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डोंगरगांव (दावा)। नगर सहित क्षेत्रवासियों की बहुप्रतिक्षित मांग अब आधी अधूरी ही रह गई है. यहां 30 बिस्तर वाले अस्पताल के उन्नयन कर बेड संख्या बढ़ाने और साथ ही मेडिकल ऑफिसर सहित विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की गई थी परन्तु यह सपना अब सपना ही रह गया. बता दें कि रविवार को नगर में नवनिर्मित 30 बिस्तरा वाले अस्पताल का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया जिसमें अस्पताल के उन्ननयन को प्रमुखता से पूरा करने की संभावना थी परन्तु समारोह के राजनीतिक वर्चस्व का अखाड़े में तब्दील हो जाने के चलते यह कार्यक्रम विषयहीन हो गया. स्थिति यह थी कि पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के नेता मंच पर मौजूद थे जिन्होंने अपने व अपने पार्टी के लंबी चौड़ी विचारधारा व क्रियाकलापों का गुणगान किया परन्तु अस्पताल के बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और चिकित्सकों की नियुक्ति सहित विभिन्न मांगों को ठेंगा बता दिया. इस संदर्भ में राजनीतिक हल्कों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त अस्पताल भवन के निर्माण के लिए केन्द्र से राशि प्राप्त हुई है और यही कारण है कि सांसद को अतिथि बनाना प्रशासन की मजबूरी हो गई थी और यही बात सत्ता पक्ष के नेताओं को नागवार गुजर रही थी. स्थिति यह कि भाजपा के कार्यकर्ता सांसद को मुख्य मार्ग से पैदल ही नारेबाजी कर कार्यक्रम स्थल तक लेकर आये.


क्या चाहते हैं नगर व क्षेत्रवासी
नगर व क्षेत्रवासी बीते लंबे अरसे से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सेटअप के अनुसार मेडिकल ऑफिसर व विशेषज्ञ चिकित्सक की मांग लगातार करते आ रहे हैं. साथ ही ब्लड बैंक, कम्प्यूटराईज्ड डिजिटल एक्सरे के साथ ही लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अस्पताल के बिस्तरों की छमता बढ़ाने की मांग प्रमुख थी परन्तु स्थल परिवर्तन के साथ ही कुछ और समस्याएँ साथ में ं मिल गई, जिसमें निस्तारी एवं पेयजल की व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट, बाऊंड्री वॉल, डॉक्टर व स्टॉफ क्वार्टर सहित सडक़ चौड़ीकरण शामिल हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि इस नये भवन में स्टोर व वैक्सीन कक्ष के लिए जगह ही नहीं है.
इसी प्रकार नई एक्सरे मशीन तो आ गई है परन्तु समय की मांग के अनुसार उसे कम्प्यूटराईज्ड नहीं किया गया है. बता दें कि इसके अतिरिक्त पर्याप्त पार्किंग, इंडोर मरीजों के परिजनों के लिए रैनबसेरा के साथ ही एम्बुलेंस व अन्य शासकीय वाहनों के गैरेज की व्यवस्था त्वरित रूप से किये जाने की आवश्यकता है, जिस ओर अस्पताल प्रबंधन व जिम्मेदार नेताओं ने अब तक ध्यान नहीं दिया है.

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