राजनांदगांव (दावा)। प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद बिजली कंपनी अपनी तानाशाही चला रही है। मौसम चाहे बारिश का हो या उमस भरी गर्मी। रोजाना कभी भी अचानक बिजली गुल होना अब आम बात हो चुकी है। कम वर्षा के चलते उमसभरी गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है, वहीं बाकी कसर बिजली कंपनी पूरी कर रही है। अघोषित बिजली कटौती को लेकर विपक्ष लगातार मुखर होकर इसका विरोध करते आ रहा है, लेकिन सत्तापक्ष के नेताओं की जुबान पर ताला लगा हुआ है। खुद को जनप्रतिनिधि कहने वाले कांग्रेस नेताओं की चुप्पी और बिजली कंपनी के अधिकारियों की मनमानी को लेकर उपभोक्ताओं में रोष बढ़ रहा है।
आलम यह है कि बिजली विभाग के छोटे अधिकारी तो दूर मुख्य अभियंता टीके मेश्राम भी लोगों का फोन काल रिसीव नहीं करते। इस अराजक स्थिति के कारण लोगों में पनप रहा आक्रोश कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है और भविष्य में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोई बड़ा और उग्र जन आंदोलन हो जाए। हैरत की बात यह भी है कि जिले में संचालित बड़े उद्योगों में भी रूक-रूक कर किश्तों में १२-१२ घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है, जिससे इन कारखानों के संचालक भी परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली विभाग की मनमानी का का तो कोई ओर छोर नहीं है।
गांवों में जब कभी बिजली गुल हो जाती है, फिर वापस आने की कोई गारंटी भी नहीं रहती। जिले के दूरस्थ अंचलों के गांवों मेंं शाम ढलने के बाद बिजली गुल होना और कई बार पूरी रात-रात भर बिजली का गुल रहना ग्रामीणों के लिए कोई नई बात नहीं है। एक ओर बिजली विभाग के मुख्य अभियंता श्री मेश्राम ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड और ऊर्जीकृत कर ग्रामीण उपभोक्ताओं को सतत बिजली आपूर्ति का दावा कर अखबारों में समाचार छपवाकर खुद की पीठ थपथपा रहे हैं। सत्ता के गलियारा में बैठे लोगों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को सरप्लस बिजली उत्पादन का तमगा दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ राज्य के राजनांदगांव जिले में बिजली के नाम पर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जिले में सत्ता परिवर्तन के बाद से कभी भी घंटों अघोषित बिजली बंद हो रही है। बिजली बंद होने से एक ओर फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप्प हो रहा है। वहीं जिले की जनता बिजली के नाम पर हालाकान होने मजबूर है।
गौरतलब है कि जिले में बिजली विभाग की लंबे समय से अंधेरगर्दी सामने आ रही है। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कभी भी घंटों बिजली गुल होने की समस्या सामने आ रहा है। समस्या को लेकर जिलेवासियों द्वारा बिजली विभाग में कई बार गुहार भी लगाई गई है। बावजूद इसके बिजली गुल की समस्या से निजात नहीं मिल रही है।