राजनांदगांव (दावा)। जिले के अंबागढ़ चौकी क्षेत्र के गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के नाम फर फिर अरबों रुपए फूंकने की योजना तैयार की गई है। योजना को ऐसे विभाग को सौंपी जा रही है। जिनकी पहले की करोड़ों की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढक़र फ्लाप हो गई है। जी हां हम बात कर रहे है पीएचई विभाग की।
मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के तहत पीएचई ने मोंगरा बैराज से 330 गांवों में पानी पहुंचाने का प्लान किया है जो कि ड्राई जोन के अंतर्गत आते हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 300 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी। प्रोजेक्ट में केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से आधा-आधा फंड दिया जाएगा।
आर्सेनिक प्रभावित गांवों में योजना का लाभ नहीं
योजना को पीएचई के एक ऐसे अधिकारी को सौंपा गया है। जिसका पहले का प्लान चौकी क्षेत्र में ही आर्सेनिक प्रभावित गांवों को शुद्ध पेजयल पहुंचाने की योजना फ्लाप हो गई है। गौरतलब है कि चौकी क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक गांव आर्सेनिक प्रभावित पाया गया था। राज्य सरकार द्वारा प्रभावित गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने करोड़ों रुपए खर्च कर शिवनाथ नदी से पाईप लाइन बिछाया गया था और गांवों में पानी की व्यवस्था की जिम्मेदारी पीएचई को दी गई थी। यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई और आज भी आर्सेनिक प्रभावित गांवों में पानी नहीं पहुंच रहा है।
नगर पंचायत डोंगरगांव में योजना फ्लाप
इसके बाद राज्य सरकार द्वारा डोंगरगांव नगर पंचायत व आसपास के गांवों में शुद्ध पानी पहुंचाने जल आवर्धन योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपए खर्च किया गया था। इस योजना की भी पूरी कार्ययोजना पूर्व में ईई एसएन पाण्डेय द्वारा तैयार की गई थी। यह योजना भी अधिकारियों की कमाई का जरिया बनकर पूरी तरह फ्लाप हो गई. नगर पंचायत डोंगरगांव में इस योजना के तहत वहां के रहवासियों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।
धीरी प्रोजेक्ट का बुरा हाल, नहीं मिल रहा पानी
वहीं समूह नल-जल योजना के अंतर्गत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर राजनांदगांव ब्लाक के सोमनी क्षेत्र के 24 गांवों ड्राई एरिया में पानी पहुंचाने 28.77 करोड़ खर्च की गई थी। इस योजना का भी पूरा काम ईई एसएन पाण्डेय द्वारा कार्ययोजना बनाकर किया गया था। यह योजना भी पूरी तरह फेलवर साबित हो गई है। योजना शुुरु से ही विवादित रहा। विभाग द्वारा प्रोजेक्ट को धीरी के बजाय ईरा शिवनाथ नदी से शुरु किया गया। जहां पर पानी स्टोरेज करने का कोई साधन ही नहीं है। योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। ऐसे में फिर जल जीवन मिशन के अंतर्गत चौकी क्षेत्र के गांवों में पानी पहुंचाने फिर उसी अधिकारी के जिम्मे 300 करोड़ रुपए फूंकने की तैयारी की जा रही है।
लोस से लेकर विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद भी जांच न कार्रवाई
चौकी क्षेत्र के आर्सेनिक प्रभावित गांवों में शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना हो या फिर जल आवर्धन योजना के अंतर्गत डोंगरगांव नगर पंचायत में पानी की योजना हो या फिर समूह नल जल योजना के तहत सोमनी क्षेत्र के 24 गांवों में धीरी प्रोजेक्ट की योजना हो सभी फ्लाप हुई है। इन योजनाओं की गड़बड़ी का मुद्दा लोकसभा से लेकर विधानसभा में भी उठा है। बावजूद इसके इन कार्यों की अब तक कोई जांच नहीं हुई है और न ही कोई कार्रवाई। फिर अरबों रुपए की योजना उसी अधिकारी के जिम्मे सौपी जा रही है। जो कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा प्रतीत हो रहा है।
विधायक दलेश्वर साहू ने बताया कि उन्होंने धीरी परियोजना को लेकर विधानसभा में प्रश्र लगाया था, किन्तु आगे क्या कार्यवाही हुई, यह पता करके बता पाऊंगा।