राजनांदगांव (दावा)। जिले में संचालित कई खदानों की लीज का समय सीमा खत्म हो गया है। बावजूद इसके नियमों को ताक में रखकर खदानों के संचालन की जानकारी सामने आ रही है। खदान संचालकों द्वारा नियम विरुद्ध बिना लीज के ही खदानों का संचालन किया जा रहा है। बावजूद इसके खनिज विभाग न तो इन खदानों की जांच कर रही है और न ही किसी तरह की कार्रवाई करने गंभीरता दिखा रही है।
बताया जा रहा है कि खनिज विभाग से सेटिंग कर बिना लीज के ही कई खदानों का संचालन हो रहा है। इसकी वजह से खनिज विभाग खदानों की जांच करने गंभीरता नहीं दिखा रहा है। खनिज विभाग की अनदेखी से बिना लीज के खदानें चलने से राज्य शासन को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मार्च माह में समाप्त हो गई है कई खदानों का लीज
मिली जानकारी के अनुसार जिले में चूना पत्थर फर्शी पत्थर, साधारण पत्थर, मिट्टी ईट निर्माण, क्वार्टजाइट एण्ड सिलिका सेण्ड, ग्रेनाईट, क्वार्टज, व्हाईट क्ले, चायना क्ले की करीब 145 खदानें और रेत की 10 खदानों का ही लीज हुआ है। इसमें अधिकांश खदानों की लीज का समयसीमा मार्च माह में समाप्त हो गई है। बावजूद इसके कई गिट्टी खदान, क्रेशर मशीन व अन्य खदानें लीज समाप्त होने के बाद भी बेखौफ चल रही है, लेकिन खनिज विभाग को इस अंधेरगर्दी से कोई-लेना देना नहीं है।
खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे
खदानों की लीज का समय सीमा समाप्त होने के बाद भी कई संचालकों को नियमों को ताक में रखकर खदानों का संचालन करने की जानकारी सामने आ रही है। बिना लीज के खदानों के संचालन होने से शासन-प्रशासन को लाखों रुपए का राजस्व हानि हो रहा है। बावजूद इसके खनिज विभाग की टीम दफ्तर में कैद है और किसी तरह की कोई मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। ऐसे में खनिज विभाग व खदान संचालकों की मिलीभगत की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता । बताया जा रहा है कि जिले के मुढ़ीपार, ठेलकाडीह, घुमका सहित अन्य जगहों के कई गिट्टी व क्रेशर खदानों की लीज का समयसीमा समाप्त हो गई है, लेकिन संचालन पहले की तरह ही हो रही है।
कई जगहों से हो रहा मुरुम की चोरी, कोई कार्रवाई नहींं
मिली जानकारी के अनुसार जिले के कई जगहों से बिना लीज के ही मुरुम की चोरी हो रही है। तस्करों द्वारा सरकारी व निजी जगहों से बिना परमिशन के मुरुम खोदाई कर मोटी रकम की कमाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि तस्कर खनिज विभाग में मौखिक जानकारी देकर अवैध तरीके से मुरुम का खनन व परिवहन कर रहे हैं। खनिज विभाग सेटिंग के तहत कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जिले में पिछले चार-पांच माह से खनन माफियाओं का राज चल रहा है। माफिया खनिज विभाग से सेटिंग कर खनिज संपदाओं का जमकर दोहन कर रहे हैं।