Home छत्तीसगढ़ छग पर्यटन को बढ़ावा दे रहे है डॉ. शांडिल्य

छग पर्यटन को बढ़ावा दे रहे है डॉ. शांडिल्य

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राजनांदगांव(दावा)।
डॉ. जैनेंद्र यूं तो पेशे से एक चिकित्सक (एमबीबीएस) हैं, पर इनका बस्तर प्रेम भी गजब का है, जिसे लोग हाथों हाथ ले रहे हैं। बस्तर प्रेम पर आधारित उनके एक यू चैनल पर लगभग 50,000 सब्सक्राइबर हैं तथा करोड़ों लोगों ने देखा है।
डॉ. जैनेंद्र, भीतररास सिहावा, तहसील नगरी, जिला धमतरी जिले की नगरी तहसील स्थित भीतररास गांव के निवासी हैं जो वर्तमान में नारायणपुर (अबूझमाड़) जिले से 52 किमी भीतर धनोरा ग्राम में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। अस्पताल में रोजाना चिकित्सकीय सेवा देने के साथ ही साथ डॉ. जैनेंद्र स्वयं सबंधित उप स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ के साथ नदी-पहाड़ पार कर गांव-गांव जाकर घर-घर पहुंचा रहें हैं चिकित्सकीय सेवा। यहां तक कि रविवार या छुट्टी के अन्य दिनों में भी सेवा देने में तत्पर हैं।
बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरा पूरा जीवन उन लोगों के लिए है जो गरीब हैं-लाचार हैं, जो अपने ही हक के लिए बोल भी नहीं पाते, जो अपना स्वास्थ्य का हक, सभी योजनाओं का लाभ लेने से भी हिचकिचाते हैं, वे सब मेरे अपने हैं। इसकी वजह ये है कि मैंने खुद अपने निजी जीवन में बहुत सी परेशानियां झेली हैं। मध्यम परिवार के होने के साथ ही साथ मैंने खेती-किसानी, मेहनत-मजदूरी और बहुत पढ़ाई की है। मेरा पूरा परिवार मानसिक रोग से ग्रसित था। बड़े दुख के साथ मुझे यह बताना पड़ रहा है कि मेरे आधे परिवार को इस मानसिक रोग ने खा लिया, छोटे से गांव में जानकारी के अभाव में चिकित्सकीय इलाज ना करके, झाड़ फूंक ही चलता था, तब तो मैं छोटा था पर इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा। इसी तरह पिताजी के गुजर जाने के बाद एक समय ऐसा भी था जब मेरे एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए फीस नहीं थी। ना ही हॉस्टल में खाने पीने, महीना चलाने के लिए पैसे, तब मेरे शिक्षकों व दोस्तों ने मदद की। वो हर महीने मेरे खाते में पैसे भेजते थे। ऐसी ही बहुत-सी परेशानियां झेली तब जाकर एक एमबीबीएस डॉक्टर बना हूं। इसलिए मैं ऐसे लोगों की परिशानियों को अच्छे से समझ सकता हूं और मेरी कोशिश यही रहेगी कि मेरा पूरा जीवन इनकी सेवा में लगा दूं। धनोरा पंचायत व गांव के लोगों ने बताया कि ऐसी जगह में एक एमबीबीएस डॉक्टर का आना हमारे लिए भगवान के आने बराबर है। छोटे से गांव धनोरा में स्टाफ मर्टर व किराए के मकान के अभाव में भी वो धनोरा में ही रहकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। दिन-रात कभी भी उनको याद करने पर तुरंत पहुंच जाते हैं। सभी गांव वाले डॉ. जैनेंद्र के काम से खुश हैं।


छत्तीसगढ़ पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहे हैं डॉ. जैनेंद्र
डॉ. जैनेंद्र एक डाक्टर होने के साथ ही समय निकालकर अपनी पत्नी रीता शांडिल्य के साथ यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से छत्तीसगढ़ पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। वे दोनों यू-ट्यूब वीडियो बनाकर बस्तर और छत्तीसगढ़ की खूबसूरती देश-दुनिया में फैला रहे हैं, जिसे लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं। उनके यू चैनल पर अब तक लगभग 50,000 सब्सक्राइबर हैं। वहीं उनके वीडियो को अब तक करोड़ों लोगों ने देखा है।

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