Home छत्तीसगढ़ सिंगारघाट में तीन माह पहले बनी नई सडक़ बारिश में बही

सिंगारघाट में तीन माह पहले बनी नई सडक़ बारिश में बही

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खैरागढ़ (दावा)।
ग्राम सिंगारघाट में तीन माह पहले बनी नई नवेली सडक़ बारिश में बह गई है वहीं सडक़ में बनी पुल भी क्षतिग्रस्त हो गई है. जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग के द्वारा नगर के दाऊचौरा से देवरी तक 9 करोड़ 3 लाख 93 हजार रूपये की भारी भरकम लागत से बने सडक़ में ग्राम सिंगारघाट के पास लाखों रूपये का पुल निर्माण महज तीन माह पूर्व ही पूर्ण किया गया है लेकिन पुल के पास बना एप्रोच रोड बाढ़ की पानी से पूरी तरह बह चुका है. अंचल में लगातार हो रही बारिश ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह एप्रोच रोड बह गया जिसका खामियाजा अब आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है.


ग्रामीण लगा रहे घटिया निर्माण का आरोप
अंचल में लगातार हो रही बारिश के बाद बाढ़ के पानी से लाखों रूपये की लागत से बनी सडक़ बह गई है. ग्राम सिंगारघाट के कुछ ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार की लापरवाही के कारण पुल का यह हाल हुआ है. जिस समय पुल का निर्माण हो रहा था, उसी समय सरपंच प्रतिनिधि सहित ग्रामीणों ने घटिया मटेरियल से पुल निर्माण किये जाने की शिकायत संबंधित विभाग में की थी उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और ठेकेदार द्वारा घटिया मटेरिया का प्रयोग कर एप्रोच रोड का निर्माण किया गया है, जो बाढ़ के पानी को नहीं रोक पायी. पाठकों को बता दे कि उक्त निर्माण कार्य का ठेका मेसर्स आरके कंस्ट्रक्शन कबीरधाम को मिला था, लेकिन समूचे सडक़ निर्माण का कार्य पेटी में गंडई निवासी मनीष अग्रवाल के द्वारा किया गया है. गौरतलब है कि क्षेत्र में निर्माणाधीन अमूमन सडक़ें जो करोड़ों रूपये की लागत से बन रही हैं उनका निर्माण कार्य पेटी ठेकेदारी में ही संपादित हो रहा है और यहीं वजह है कि सडक़ें बनते ही खराब हो रही हैं जिसे लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर कड़ाई बरतने की भी आवश्यकता है.


कई जगहों से उखड़ चुकी है डामर की परत
ज्ञात हो कि सडक़ निर्माण को मुश्किल से छ: माह भी नहीं हुआ है और अभी से सडक़ में हुई डामरीकरण की परतें उखडऩे लगी है. करोड़ों की लागत से बना यह मार्ग छह माह के अंदर ही जर्जर हालात में पहुंच गया है. क्षेत्रवासियों का कहना है कि सडक़ निर्माण में घटिया मटेरियल का उपयोग हुआ है, जिसके कारण डामरीकरण भी उखड़ रहा है. दाऊचौरा से देवरी तक तकरीबन 14 किमी तक 9 करोड़ रूपये की लागत से बने इस सडक़ में कई जगह सडक़ की स्थिति जर्जर हो गई है जो रिपेयरिंग के लायक हो चुका है. मार्ग निर्माण में ठेकेदार के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार का खामियाजा अब क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है. बाढ़ में पुल के बह जाने से आवागमन बाधित हो चुका है.

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