राजनांदगांव (दावा)। मोहला क्षेत्र में पहुंचे जंगली हाथियों का दल अब क्षेत्र के राजाडेरा जंगल में अस्थाई डेरा बना लिया है। हाथियों के दल के महाराष्ट्र के गढ़चिरौली क्षेत्र के जंगल में जाने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन हाथियों का दल फिर से मोहला के राजाडेरा जंगल में ही ठहर गए है। हाथियों के दल के रहवासी क्षेत्र मेंं ठहरने से आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। एहतिहातन वन विभाग द्वारा जंगल से सटे कुछ गांवों को खाली कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार मोहला के आखिरी सीमा पर राजाडेरा के जंगल में हाथियों का दल पिछले तीन दिनों से पहाड़ चढक़र दूसरे इलाके में दाखिल होने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि पहाड़ में चढ़ाई से हो रही दिक्कत के चलते हाथी राजाडेरा के जंगल में ही अस्थाई ठिकाना बनाए हुए हैं।
पहाड़ को पार नहीं कर पा रहे हाथियों का दल
बताया जा रहा है कि राजाडेरा जंगल में उंची पहाड़ी है। पहाड़ी के अधिक ऊंचाई होने के कारण हाथी पहाड़ को पार नहीं कर पा रहे हैं। हाथियों की लगातार एक ही जगह डेरा होने से आसपास के गांवों को खाली करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि अब तक हाथियों ने तीन मकानों को रौंद दिया है। कच्चे मकानों के साथ-साथ पक्के आवासों में रहने वाले ग्रामीणों को भी हाईअलर्ट किया गया है। वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को हाथियों के आने-जाने वालो क्षेत्रों में मोटर साइकिल की लाईट और शोरगुल नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। वन विभाग हाथियों की हर गतिविधियों पर नजर रखते हुए वन अधिकारी दिन-रात मुस्तैद है।
उधर मानपुर वन डिवीजन के एसडीओ आरके गजभिये लगातार अपने दल-बल के साथ मौके पर जमे हुए हैं। वह मैदानी अमले के साथ ग्रामीणों को सतर्क करने व बचाव के उपाय भी सुझा रहे हैं। गांवों में बैठकें लेकर एसडीओ गजभिये हाथियों के बर्ताव और उसके हिंसात्मक रवैये के संबंध में भी विस्तृत जानकारी देते रहे हैं।