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चेतावनी व माफीनामा मांगने के साथ विपक्ष पर निंदा का प्रस्ताव पारित

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चुनावी रणनीति बनाने में जुटे सत्ताधारी व विपक्ष के ट्रस्टीगण
डोंगरगढ़ (दावा)।
क्वांर नवरात्रि पर्व की तैयारी की चिंता छोड़ सत्ताधारी दल व विपक्ष के ट्रस्टी चुनावी रणनीति बनाने में जुटे गए है. सत्ताधारी दल बहुमत के आधार पर विपक्ष के ट्रस्टीयो पर बायलॉज में दिए प्रावधान को आधार बनाकर ट्रस्ट को आर्थिक नुकसान पहुंचाने व ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए निंदा प्रस्ताव सहित माफीनामा के साथ चेतावनी से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में लिए गए निर्णय पर आक्रोश व्यक्त करते हुए विपक्ष के ट्रस्टीयो द्वारा बैठक का बहिष्कार किया गया.तथा निंदा प्रस्ताव के विरोध में विपक्ष के ट्रस्टी,ट्रस्ट को जवाब प्रस्तुत कर कोर्ट की शरण लेने की तैयारी में लगे हुए हैं.

देश-विदेश में सर्वधर्म की नगरी के रूप में विख्यात बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति के सत्ता पक्ष के ट्रस्टियों पर विपक्ष द्वारा लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि अध्यक्ष द्वारा लॉकडाउन के दौरान ट्रस्ट मंडल के प्रस्ताव के बिना लिए गए अनेक निर्णय के कारण ट्रस्ट की गरिमा के साथ साथ ट्रस्ट समिति को भारी आर्थिक क्षति पहुंची है. आर्थिक आय बढ़ाने के लिए स्वयं का रोपवे लगाने के उद्देश्य से राज्य शासन के सहयोग व बैंक के माध्यम से करोड़ों रुपए का कर्ज लेकर रोपवे का निर्माण किया गया. उद्घाटन के तत्काल बाद वैश्विक महामारी कोरोना के चलते रोपवे के संचालन में लगातार अवरोध उत्पन्न होता रहा है. इस बीच रोपवे संचालन के दौरान रोपवे की मालवाहक ट्राली के साथ गिरने से मजदूर की मौत हो गई. बिना तकनीकी जानकार व विशेषज्ञों के बिना संचालन के दौरान हुई दुर्घटना को संज्ञान में लेकर ट्रस्ट के अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था. इस घटना से लंबे समय तक रोपवे के संचालन में बाधा उत्पन्न रही. इसके अलावा माता के भक्त जनों द्वारा दी गई दान की राशि का कई तरीके से दुरुपयोग का आरोप भी सत्ताधारी दल पर लगाया जाता रहा है, जिसमें कोरोना काल के दौरान राज्य शासन को दी गई 11 लाख रुपए एवं श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु ट्रस्ट समिति की ओर से दी गई 11 लाख की राशि शामिल हैं, जो बिना ट्रस्ट मंडल के प्रस्ताव के नियमों को ताक में रखकर देने का आरोप शामिल हैं. मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति के आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए ट्रस्टी गणों द्वारा रणनीति के तहत एक दूसरे की गलतियों को मतदाताओं के सामने लाने का कोई भी अवसर को नही खोना चाहते हैं ट्रस्टी गण. जहां सत्ता पक्ष ने ट्रस्ट के बायलॉज में दिए गए प्रावधान को आधार मानकर जनहित में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले विपक्ष के ट्रस्टयो के खिलाफ चेतावनी व माफीनामा सहित निंदा प्रस्ताव पारित कर चुनावी सरगर्मी बढ़ा दी है.वही विपक्ष के ट्रस्टियों द्वारा कोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है. कुल मिलाकर निर्वाचित ट्रस्टियो को अपने हित के आगे धर्म नगरी की गरिमा कमतर दिख रही है. गत 4 सितंबर 2021 को श्री मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति की बैठक में लिए गए प्रस्ताव के अनुसार सत्ता पक्ष के ऊपर विपक्ष के ट्रस्टियों द्वारा असत्य एवं तथ्यहीन आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय बिलासपुर में अध्यक्ष सहित ट्रस्ट के 8 सदस्यों के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के कारण सभी सदस्यों को मानसिक संताप हुआ. एवं मंदिर ट्रस्ट समिति की गरिमा को भारी क्षति पहुंची तथा याचिका दायर कर मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों को रोपवे की सुविधा से वंचित करने का भरपूर प्रयास किया गया. ट्रस्ट की गरिमा के विपरीत विपक्ष के ट्रस्टिीयों द्वारा किए गए कृत्य से ट्रस्ट समिति को आर्थिक क्षति पहुंची है, आदि का हवाला देते हुए सभी 8 सदस्यों के द्वारा बैठक के समक्ष याचिकाकर्ता सदस्यों के विरुद्ध इस कृत्य के लिए निंदा प्रस्ताव लाया गया, जिसे बहुमत से पारित किया गया.

क्षमा याचना के साथ कृत्य की पुनरावृत्ति को लेकर चेतावनी
समिति द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर विपक्ष के सात ट्रस्टीयो के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव करते हुए सात दिवस के भीतर इस कृत्य के लिए मां बमलेश्वरी ट्रस्ट मंडल एवं माता के सभी भक्तों से लिखित पत्र द्वारा क्षमा याचना व्यक्त करने के साथ यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि भविष्य में ट्रस्टियों द्वारा दोबारा ऐसे किसी कृत्य की पुनरावृत्ति नहीं होगी. साथ ही कहा गया है कि आपके द्वारा प्रेषित पत्र प्राप्त होने के बाद या ना होने की स्थिति में ट्रस्ट मंडल आगामी कार्रवाई पर विचार करेगा.

गरिमा को नजरअंदाज कर रहे सदस्यगण
मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति के सदस्यगण भविष्य में होने वाले चुनाव में लाभ लेने के उद्देश्य से एक दूसरे को घेरने के साथ स्वयं के प्रचार- प्रसार का भी कोई मौका खोना नहीं चाह रहे हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण मुख्यमंत्री राहत कोष एवं अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण हेतु भक्तों के दान के लाखों रुपयों को नियमों को ताक में रखकर अपने आप को प्रचारित करते हुए दान करना, रोपवे के माध्यम से दर्शनार्थियों को सुविधा प्रदान करने के स्थान पर व्यापार करना, नॉनटेक सीमेंट के नाम से सीमेंट की कालाबाजारी हो या मंदिर परिसर में निर्मित दुकानों व मंदिर मार्ग में फुटपाथ में बैठकर लघु व्यवसाय के माध्यम से जीविकोपार्जन करने वाले दुकानदारों को सुविधा देने के स्थान पर उनसे भारी आर्थिक लाभ कमाने का आरोप भी ट्रस्ट समिति पर लगता आ रहा है.जिससे धर्म नगरी की गरिमा प्रतिपल प्रभावित हो रही है.

जनहित में न्यायालय जाने के लिए सभी स्वतंत्र-परिहार
मां बमलेश्वरी ट्रस्ट समिति के ट्रस्टी व ट्रस्ट समिति के पूर्व मंत्री महेंद्र परिहार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि जब भी बहुमत को आधार बनाकर मानव जीवन रोपवे के कारण संकटापन्न होगा और ट्रस्ट की राशि का दुरुपयोग किया जाएगा तब-तब मामले के न्याय पूर्ण निराकरण के लिए हम न्यायालय जाने हेतु स्वतंत्र रहेंगे. न्याय हेतु न्यायालय जाने से किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता.

खेद व्यक्त नहीं करने पर निंदा प्रस्ताव- तिवारी
ट्रस्ट मंडल के 7 ट्रस्टियों के द्वारा उच्च न्यायालय में ट्रस्ट के चार पदाधिकारियों सहित चार ट्रस्टीयो के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की गई थी. जिसमें उनके द्वारा वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की प्रार्थना की गई थी. उससे आहत सभी आठ ट्रस्टियों द्वारा 7 ट्रस्टियों को खेद व्यक्त करने कहा गया था. उन्होंने खेद वक्त नहीं किया तो उनके विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया.

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