राजनांदगांव(दावा)। शहर की सडक़ें हो या नेशनल हाइवे, आवारा मवेशियों का कब्जा बरकरार है। निगम द्वारा मवेशी धरपकड़ अभियान केवल एक-दो दिन ही दिखावे के लिए चलाया जाता है। उसके बाद फिर से जस की तस स्थिति बनी रहती है। इसकी सबसे बड़ी वजह पकड़े गये मवेशियों को रखने के लिए पर्याप्त रूप से जगह नहीं होना है। शहर से 4 किमी दूर कन्हारपुरी वार्ड में सिर्फ एक कांजीहौस है, जहां किसी तरह 60-70 मवेशी ही आ सकते हैं। यहां डाले गये मवेशियों की संख्या अधिक हो जाने पर उनमें लड़ाई होने लगती है। पहले नंदई वार्ड में बड़ा कांजी हौस था, जहां पर पैसा कमाने के लिए काम्पलेक्स बना दिया गया। अब पकड़े गये मवेशियों को कहां रखा जाए, यह समस्या निगम के सामने बनी हुई है। अत: केवल दिखावे के लिए ही कुछ दिन मवेशी धर-पकड़ अभियान चला दिया जाता है और एक-दो दर्जन मवेशियों को पकड़ कर कांजी हौस भेज दिया जाता है।
शहर में हजारों की संख्या में सडक़ों पर बेखौफ घूमते रहते हैं। सडक़ों में इन मवेशियों की चहल कदमी नेशनल हाइवे से लेकर शहर के भीतर तक बनी हुई है। विशेष रूप से गंज लाइन, सदर बाजार, कामठी लाइन, गुड़ाखू लाइन, ओस्तवाल लाइन, मानव मंदिर चौक, जयस्तंभ चौक रोड, महावीर चौक, चिखली रोड, हाट बाजार, नंदई चौक, इंदिरानगर चौक, लखोली, लखोली नाका, बसंतपुर रोड प्रमुख हैं, जहां की सडक़ां पर मवेशियों की अधिक उपस्थिति से लोगों की आवाजाही में काफी परेशानी उठानी पड़ती है, वहीं दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है।