राजधानी में चार दिवसीय शॉर्ट फिल्म फेस्ट का समापन
रायपुर(दावा)। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में लीगल अवेयरनेस पर चार दिवसीय शॉर्ट फिल्म फेस्ट आयोजित किया गया, जिसमें मानव तस्करी, बच्चों के अधिकार, नशा मुक्ति और साइबर क्राइम जैसे विषयों पर चार कैटेगरी में 100 से ज्यादा फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। शुक्रवार को हुए समापन समारोह में विनर्स को सम्मानित किया गया। इस मौके पर चीफ जस्टिस ऑफ छत्तीसगढ़ अरुप कुमार गोस्वामी, उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति जस्टिस गौतम भादुड़ी, जस्टिस संजय एस अग्रवाल मौजूद रहे।
आईपीएस शशि मोहन सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कोटपा’ को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। यह फिल्म सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान से संबंधित है। इसके साथ ही 10 मिनट कैटगिरी में शशि मोहन सिंह की शॉर्ट फिल्म ‘शोध’ रही द्वितीय स्थान पर रही। इस फिल्म का निर्देशन रजनीश झांझी द्वारा किया गया। यह फिल्म मानव तस्करी के विषय पर आधारित है। इस शॉर्ट फिल्म में शशि मोहन सिंह मुख्य भूमिका का निर्वहन करते हुए एक पत्रकार के रूप में नजर आ रहे है। जो मानव तस्करों के चंगुल में फंसी एक नाबालिक बच्ची को बचाते हैं।
फिल्म के अन्य कलाकार- आरुषि पाल, उर्वर्शी साहू, चंद्र प्रकाश, ममता बघेल। ‘शोध’ फिल्म के सहायक निर्देशक, और संपादक त्रिलोक तिवारी है। इस फिल्म के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने आईपीएस शशि मोहन सिंह और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। चार कैटगिरी में ये शॉर्ट फिल्म चुनी गई सर्वश्रेठ, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी व अन्य भाषा- फिल्म ‘नोनी’ प्रथम रही. ‘शोध’ दूसरे स्थान पर रही। सुपर शॉर्ट फिल्म- मूवी ‘कोटपा’ प्रथम रही। साथ ही डरो मत, थोड़ा सा रनरअप रही। छत्तीसगढ़ी शॉर्ट फिल्म- ‘एक्सीजेंसी’ मूवी फस्र्ट रही, दूसरे स्थान पर रही मूवी ‘निम्मो’ रही। इनहॉउस श्रेणी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोद फस्र्ट और सरगुजा की फिल्म द्वितीय रही। स्पेशल ज्यूरी का अवार्ड काकभगोड़ा और कितने भानु, बीइंग ह्यूमन, साइबर क्राइम, रोंगो को मिला।
शशिमोहन सिंह बने जर्नलिस्ट
फिल्म शोध मेें मानव तस्करी पर चिंता व्यक्त की गई हैद्ध आईपीएस शशिमोहन सिंह पत्रकार की भूमिका में नजर आए। नशे और पैसों की लालच में एक पिता अपनी बेटी को तस्करों के हाथों में सौंप देता है, जिसे महिला एक्टिविसट और पत्रकार बचाते हैं। उस बिटिया को स्कूल भेजते हैं। इसी तरह नोनी में बालश्रम को रेखांकित किया गया है। प्रताडि़त युवती थाने में जाकर आप बीती बताती हैं और पुलिस आरोपियों पर कार्यवाही करती है।