इस्तीफे से भाजपा की किरकिरी ही होगी
राजनांदगांव(दावा)। राजनांदगांव जनपद अध्यक्ष की कुर्सी अब खतरे में पड़ती दिख रही है। जनपद सदस्यों की नाराजगी के चलते मामला गरमा गया है। माना जा रहा है कि भाजपा में चल रही अंतर्कलह और सदस्यों की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस भी पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी हुई है। हालांकि भाजपा संगठन ने जनपद अध्यक्ष को आज सात दिसंबर तक अपने से त्यागपत्र देने और इस्तीफा नहीं देने की स्थिति में उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की चेतावनी दी थी, किंतु जनपद अध्यक्ष द्वारा आज देर शाम तक इस्तीफा नहीं देने की खबर है।
सूत्रों के अनुसार राजनांदगांव जनपद अध्यक्ष श्रीमती प्रतीक्षा भंडारी और जनपद सदस्यों के बीच कुछ समय से पटरी नहीं बैठ पा रही है। सदस्यों का आरोप है कि जरूरी कार्यों में गतिरोध उत्पन्न हो रहा है। इस मामले को लेकर सदस्यों ने विगत दिनों बैठक भी आहूत की थी, जिसमें अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा हुई थी। मामला भाजपा संगठन तक पहुंचने के बाद अध्यक्ष को सात दिसंबर तक अपने पद से इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया गया था। साथ ही चेतावनी दी गई थी कि इस्तीफा नहीं देने की स्थिति में उन्हें पार्टी से निष्कासन की कार्यवाही की जाएगी। इस बारे में भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर ने बताया कि जनपद अध्यक्ष प्रतीक्षा भंडारी ने आज इस्तीफा नहीं दिया है। इस बारे में अब संगठन को निर्णय करना है।
ज्ञात हो कि राजनांदगांव जनपद अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के आरक्षित है। जनपद में भाजपा के आठ और कांग्रेस के 17 सदस्य हैं। इस तरह कांग्रेस के पास अपनी पार्टी के सदस्य को अध्यक्ष बनाने के लिए बहुमत तो है, लेकिन एक भी उस वर्ग की एक भी महिला सदस्य नहीं है, जबकि भाजपा के पास प्रतीक्षा भंडारी के अलावा महिला सदस्य पुष्पा गायकवाड़, किरण बारले और टोमिन लाऊत्रे हैं। माना जा रहा है कि यदि भाजपा संगठन द्वारा प्रतीक्षा भंडारी को अध्यक्ष पद से हटाया जाता है तो उक्त तीनों महिला सदस्यों ने अध्यक्ष बनने की महत्वाकांंक्षा पाल रखी है।
बहरहाल भाजपा संगठन में चल रही गुटबाजी और अपनी ही पार्टी के नेताओं के निष्कासन जैसे फैसले से पार्टी की किरकिरी हो रही है। राजनांदगांव पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा विधायक डॉ. रमन सिंह का विधानसभा क्षेत्र है। यदि भाजपा अच्छा अवसर होने के बाद भी अपनी पार्टी के सदस्य को अध्यक्ष पद पर काबिज कराने में नाकाम रहती है तो यह बड़ी शर्मनाक बात होगी। वैसे भी भाजपा के दिग्गज नेता शिव वर्मा के पार्टी से निलंबन और अब उसके बाद राजनांदगांव जनपद अध्यक्ष को हटाकर निष्कासित करने की खबरों के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं में हताशा और निराशा साफ देखी जा रही है। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि इस मामले का पटाक्षेप किस रूप में होता है? इधर कांग्रेस ने भी भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने पर ही अध्यक्ष बनाने समर्थन देने की बात कर रही है। कांग्रेस के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भाजपा के अध्यक्ष पद के अन्य दावेदार कांग्रेस के नेताओं से संर्पक कर रहे है। वहीं उपाध्यक्ष को लेकर भी कांग्रेस जनपद सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की है।
कांग्रेस में शामिल होने पर ही समर्थन – ओमप्रकाश साहू
दूसरी ओर कांग्रेस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी हुई है। कांगे्रेस चाहकर भी अपना अध्यक्ष तो नहीं बना सकती, किंतु अहम भूमिका जरूर अदा कर सकती है। इस बारे में जनपद सदस्य एवं सभापति ओमप्रकाश साहू का कहना है कि जो सदस्य कांग्रेस पार्टी में शामिल होगी। जो अपने गले में कांग्रेस का गमछा पहनेगी, उसे ही अध्यक्ष पद के लिए समर्थन दिया जाएगा। भाजपा के किसी भी सदस्य को अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस समर्थन नहीं करेगी।