बिलासपुर। मुंगेली की गर्भवती कोरोना पाजिटिव महिला को प्रसव पीड़ा उठने के बाद गंभीर हालत में बुधवार की देर रात सिम्स लाया गया। जहां उसकी हालत को देखते हुए तत्काल सिम्स के चिकत्सकों ने कोरोना संक्रमण के जोखिम को दरकिनार करते हुए सर्जरी के माध्यम से प्रसव कराया। जच्चा बच्चा दोनों ही पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
मुंगेली में रहने वाली एक 23 वर्षीय गर्भवती महिला को बुधवार की सुबह प्रसव के लिए जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। यहां कोरोना प्रोटोकाल के तहत महिला की जब कोरोना जांच की गई तो वह कोरोना पाजिटिव निकली। साथ ही उसमें कोरोना के लक्षण भी नजर आने लगा। ऐसे उसे अस्पताल के कोरोना वार्ड में रखा गया। वहीं बुधवार की रात आठ बजे महिला का प्रसव पीड़ा शुरू हो गया।
इस दौरान महिला की हालत भी कोई खास ठीक नहीं थी, ऊपर से कोरोना संक्रमित होने के वजह से प्रसव कराने के दौरान चिकित्सीय टीम के भी संक्रमित होने के जोखिम रहा। हाई रिस्क मामला को देखते हुए रात 9 बजे प्रसूता को सिम्स रिफर कर दिया गया। जो रात लगभग 11 बजे सिम्स पहुचीं। जहां उसके कोरोना संक्रमित होने के जानकारी होने के बाद गायनिक डिपार्टमेंट के चिकित्सक समझ गए कि जरा सी लापरवाही होने पर महिला के जान पर बन सकता है। या फिर होने वाला बच्चा भी कोरोना से संक्रमित हो सकता है। वहीं सर्जरी के दौरान चिकित्सीय टीम के भी संक्रमण का जोखिम रहा। लेकिन मामले की गंभीरता को समझते हुए टीम ने तत्काल सर्जरी करने का निर्णय लिया। इसके बाद सफल सर्जरी कर स्वस्थ बच्चे का जन्म कराया। मालूम हो बच्चा कोरोना पाजिटव नहीं है। वही बच्चे की मां की हालत भी सामान्य हो रही है, हालांकि उसे बच्चे से अलग रखकर कोरोना वार्ड में उपचार किया जा रहा है। जच्चा बच्चा दोनों खतरे से बाहर हैं।