निवेशकों की रकम वापस नहीं करने पर कोतवाली पुलिस की बड़ी कार्यवाही
जमानत याचिका खारिज
राजनांदगांव(दावा)। सहारा इंडिया कंपनी के नाम पर निवेशकों से राशि जमा कराने के उपरांत उन्हें रकम नहीं लौटाए जाने के मामले में कोतवाली पुलिस ने सहारा इंडिया कंपनी के चार डायरेक्टरों को उत्तरप्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सहारा इंडिया की सहयोगी कंपनी में जिले भर के कई निवेशकों एवं अभिकर्ताओं द्वारा रूपये जमा कराया गया था, परंतु उनकी मैच्योरिटी अवधि पूरी होने पर भी उनकी रकम उन्हें वापस नहीं कर रहें हैं, जिससे निवेशक और अभिकर्तागण परेशान है। उनकी शिकायत पर उक्त कृत्य जो धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की श्रेणी में आने पर थाना कोतवाली राजनांदगांव में सहारा इंडिया के विरूद्ध अपराध क्रमांक 786/21, 787/21, 788/21, 789/21 धारा 406, 409 भा.दं.वि. 3, 4 ईनामी चिटफंड व धन परिचालन स्कीम अधिनियम 1978 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
राज्य सरकार के प्राथमिकता के अनुरूप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा चिटफण्ड मामलों में कड़ी कार्यवाही करने हेतु लगातार निर्देश दिये जाते रहे हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन में प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह एवं उनकी टीम द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा एवं नगर पुलिस अधीक्षक गौरव राय के निर्देशन में थाना प्रभारी कोतवाली एलेक्जेन्डर किरो के नेतृत्व में प्रकरण की छानबीन की गई। सहारा इंडिया के खातों एवं बैंकों में जमा रकम की जानकारी एवं आरोपी डायरेक्टरों के संबंध में जानकारी सायबर सेल के सहयोग से एकत्र किया गया।
जिले के निवेशकों को 15 करोड़ लौटाने का वादा
पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में उपपुलिस अधीक्षक नासिर बाठी के नेतृत्व में थाना कोतवाली पुलिस एवं सायबर सेल की टीम ने लखनऊ (उत्तरप्रदेश) जाकर सहारा इंडिया की सहयोगी कंपनी सहारियन यूनिवर्सल मल्टिपर्पज सोसायटी लिमिटेड के दो आरोपी डायरेक्टर मोहम्मद खालिद उम्र 62 साल निवासी लखनऊ और शैलेष मोहन सहाय उम्र 62 साल निवासी लखनऊ एवं सहारा क्यू-शाप यूनिक प्रोडक्ट् रेंज लिमिटेड के एक आरोपी डायरेक्टर प्रदीप कुमार उम्र 58 वर्ष निवासी लखनऊ तथा सहारा क्रेडिट कारपोरेटिव सोसायटी लिमिटेड के आरोपी डायरेक्टर लालजी वर्मा उम्र 66 वर्ष निवासी अलीगढ़ उत्तरप्रदेश कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर राजनांदगांव लाया गया। सभी को आज न्यायालय में पेश किया गया, जहां पर राजनांदगांव जिले के निवेशकों को 15 करोड़ की राशि वापस करने संबंधी शपथ पत्र कंपनी द्वारा दिया गया है।