छुईखदान(दावा)। ग्राम उदयपुर का मुख्य मार्ग लगभग 650 मीटर का हाल इतना बुरा है कि उस सडक़ से गुजरने के लिए 15 मिनट का समय लग जाता है। सडक़ में एक-दो फीट का गहरा गड्ढा बन चुका है। बरसात के दिनों में आवागमन बहुत मुश्किल हो जाता है। अभी छुईखदान से लेकर दनिया तक मुख्य मार्ग का निर्माण हो रहा है जिसकी लंबाई लगभग 29 किलोमीटर है। छुईखदान से दनिया मुख्य मार्ग बनने के बावजूद भी मुख्य मार्ग से उदयपुर अटल चौक तक इस मार्ग को नहीं जोड़ा गया है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। यह समस्या विगत 15-20 सालों से चली आ रही है जिस समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया है। लगातार उक्त सडक़ में दुर्घटनाएं हो रही है इसके बावजूद भी प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सडक़ का हाल इतना बुरा है कि उस 650 मीटर सडक़ पर जाना छोडक़र क्षेत्रवासी सात किलोमीटर दूर बाजार अतरिया में जाकर अपना सामान खरीदी व अन्य कार्य करते हैं। हालांकि खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में उदयपुर से उदयपुर के मुख्य मार्ग को जोड़ा जाएगा, ऐसा घोषणा पत्र में है। जिसको लेकर कई ग्रामीण आश्वस्त भी हैं कि अगले वर्ष इस सडक़ का निर्माण होना संभव है।
स्कूली छात्र-छात्राओं को भी हो रही है परेशानी, फिसलकर गिर जाते हैं लोग
उदयपुर में कक्षा 12वीं तक स्कूल संचालित होती है। दर्ज संख्या के हिसाब से उदयपुर के स्कूल में बहुत ज्यादा छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचते हैं। इस गड्ढे नुमा सडक़ से खपरी दरबार, खैरी, कुटेलीखुर्द, आमाघाट कादा, मुरई, पुरैना, बोरई व उदयपुर के छात्र-छात्राएं स्कूल आना-जाना करते हैं। आए दिन स्कूली छात्र छात्राओं को साइकिल से गिरने के बाद कीचड़ से लथपथ होने के बाद वापस घर जाना पड़ता है। जिससे उनकी पढ़ाई पर भी लगातार असर हो रहा है। यहां साइकिल तो बहुत दूर की बात है पैदल चलना भी बहुत मुश्किल हो गया है। पैदल चलने पर भी लोग फिसल कर गिर रहे हैं। उदयपुर स्कूल में पालकों के द्वारा अपने बच्चों का एडमिशन कराना भी बंद करा देंगे।
व्यापार पर भी पड़ रहा है व्यापक असर, परेशानी
सडक़ की स्थिति खस्ताहाल होने की वजह से क्षेत्र के ग्रामीण उदयपुर में बाजार ना करके अन्य गांव में जाकर अपना सामान खरीदी-बिक्री का कार्य कर रहे हैं जिससे व्यापारियों में भी आक्रोश है। बरसात के दिनों में कीचड़ व गर्मी के दिनों में धूल के गुबार से पूरे ग्रामीण परेशान हैं। छुईखदान से दनिया मार्ग बन जाने के बाद तो उदयपुर का व्यापार खत्म होने के कगार पर आ जाएगा। खपरी दरबार से उदयपुर की दूरी मात्र एक किलोमीटर है साथ ही पद्मावतीपुर की दूरी लगभग चार किलोमीटर है उसके बावजूद भी खपरी दरबार के ग्रामीण उदयपुर में ना आकर पद्मावतीपुर में जाकर बाजार कर रहे है, खैरी, सीताडबरी, कुटेलीखुर्द, आमघाट कादा, भीमपुरी, बोरई, कोटरा, सुराडबरी के ग्रामीण उदयपुर में ना आकर अन्य क्षेत्रों में जाकर बाजार कर रहे हैं।
बजट की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेज दिए हैं : एसडीओ
लोक निर्माण विभाग छुईखदान एसडीओ संजय चौहान ने कहा कि हमारे द्वारा एस्टीमेट बनाकर बजट में स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है, जैसे ही स्वीकृति प्राप्त होते ही सडक़ का निर्माण कराया जाएगा।