राजनांदगांव(दावा)। व्यावसायिक परीक्षा मंंडल द्वारा रविवार 18 सितम्बर को शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया जिससे प्रदेश भर से चौबीस हजार आठ सौ 76 अभ्यर्थियों को परीक्षा देने उपस्थित होना था किन्तु 18 हजार 325 अभ्यर्थी ही उपस्थित हो पाए। छह हजार 751 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। इस तरह दो पाली में सम्पन्न होने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा में 75 प्रतिशत अभ्यर्थी ही परीक्षा देकर अपनी किस्मत आजमाए है।
दो पाली में हुई परीक्षा
शिक्षक पात्रता परीक्षा की पहली पाली रविवार की सुबह साढ़े 9 से सवा बारह बजे तक रही। दिग्विजय कालेज के प्राचार्य के.एल. टांडेकर के अनुसार परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई। यह परीक्षा कक्षा पहली से लेकर पांचवी कक्षा पढ़ाने की रही वहीं दूसरी पाली दोपहर पौने तीन बजे से शाम पांच बजे तक लगी। इसमें अभ्यर्थियों ने कक्षा छठवीं से आठवी तक कक्षा पढ़ाने की परीक्षा दिये। उक्त परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में काफी उत्साह देखा गया। शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए बनाए गये 85 केन्द्रों में मेले जैसा देखा गया।
कुल 150 प्रश्न पूछे गये
बता दे कि शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए कुल 85 केन्द्र बनाए गये थे जिसमें पहली पाली में 25 हजार अभ्यर्थी वही दूसरी पाली में 76 हजार केन्द्र में 23 हजार अभ्यर्थियों को परीक्षा देना था। प्राचार्य टांडेकर के अनुसार पहली पाली में 18 हजार 325 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दिये।
बताया जाता है कि प्रत्येक पाली के प्रश्न पत्र में कुछ 150 प्रश्न पूछे गये। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का रहा। पहली पाली के प्रश्न पत्र में बालविकास व शिक्षा शास्त्र, हिन्दी भाषा, अंग्रेजी भाषा गणित व पर्यावरण अध्यापन के 30-30 प्रश्न रहे। इसी तरह दूसरी पाली के प्रश्न पत्र में बाल विकास और शिक्षा शास्त्र के 30 हिन्दी के 30 अंग्रेजी के 30 विज्ञान व गणित या सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न रहे शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा पहले मूल आईडी और प्रवेश पत्र के साथ उपस्थित होना अनिवार्य था। परीक्षा केन्द्रों में मोबाइल लना वर्जित रहा। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं से प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्क लेना बंद कर दिया गया है इसके चलते बड़ी संख्या में शिक्षक पात्रता परीक्षा देने के लिए उपस्थित रहे। इससे इन परीक्षा केन्द्रों में मेले जैसा माहौल बना रहा।