राजनंादगांव (दावा)। सांसद संतोष पांडे ने बघेल सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम में तामझाम व विज्ञापन में छत्तीसगढ़ का करोड़ों रुपए बर्बाद कर रहे मुख्यमंत्री और उनके मौनी बाबा लोक निर्माण विभाग मंत्री का यह बयान और झूठ-मुठ का गुस्सा कि छत्तीसगढ़ में पैसे की कमी नहीं है फिर सडक़ें घटिया क्यों है ना सिर्फ हास्यास्पद है बल्कि छत्तीसगढ़ के निवासियों के जले में नमक छिडक़ने जैसा है। छत्तीसगढ़ की जनता के शांत और सौम्य व्यवहार को भूपेश सरकार ने अज्ञानी समझ लिया है।
पूरे प्रदेश की सडक़ें किस कदर बदहाल है यह किसी से छुपी नहीं है नई सडक़े तो दूर पुरानी सडक़ों के मरम्मत के लिए जिस प्रकार सरकार के पास पैसे नहीं है वह ऐसी बेवकूफी भरी बातें करें तो उनसे बड़ा ना समझ कोई नहीं है। आज पौने चार साल में मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना से एक भी सडक़ स्वीकृत हुई हो तो मुझे बताएं मैं उस सडक़ का दर्शन कर पूजा करूंगा। वह तो भला हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिनके कारण प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की नवीन सडक़ों का निर्माण और पुरानी सडक़ों की मरम्मत हो रही है। वहीं भूपेश सरकार को नितिन गडकरी का आभारी होना चाहिए। जिनके कारण से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो रहा है और प्रदेशवासियों को कुछ तो काम दिख रहा है। सिर्फ पौने चार साल में लगभग अस्सी हजार करोड़ कर्ज लेने वाली सरकार पैसे होने का बयान देना और दंभ दिखाना आश्चर्यजनक है। पैसे ही नहीं हो तो पीडब्ल्यूडी विभाग सडक़ कहां से बनाएगा। ईएनसी को बदल देना कुछ गिनती के अभियंताओं को निलंबित कर देने से आपके कार्यकाल की असफलता छुप नहीं सकती। गांव-गांव इस बात की खुलेआम चर्चा है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय की सडक़ें और पुलिया ही साथ दे रही है, नए से तो उम्मीद ही नहीं है। ऐसे में उन्हें मेरी सलाह है कि वे श्वेत पत्र जारी करें कि किन-किन जिलों में कब-कब कितनी-कितनी राशि सडक़ निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग और मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ विभाग को स्वीकृत कर जारी की गई है।