नदी की दिशा बदलने से अभी भी कटाव लगातार जारी, क्षेत्र के सक्रिय विधायक ने अब तक नहीं ली किसानों की सुध
डोंगरगांव(दावा)। गत दिनों शिवनाथ नदी में आयी बाढ़ और दर्री एनीकट के गेट नहीं खोले जाने की वजह से गई किसानों की फसल लगी एकड़ जमीन बह गई। इधर शासन प्रशासन मानने को तैयार नहीं था कि दो विभागों की गल्तियों की वजह से किसानों को अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ा। इस घटना के बाद जहां आरोप प्रत्यारोप का दौर प्रारंभ हो गया। वहीं अब तक किसानों को कोई भी राहत नहीं मिल सकी है और लगातार कटाव भी जारी है, जिससे यह रकबा लगातार बढ़ रहा है। इधर किसानों ने शासन प्रशासन से मांग रखी है कि उनके जमीन में वापस पटाव कर सुधार कार्य किया जाये।
12 सितंबर की बारिश दर्री-मटिया एनीकट किनारे के किसानों के लिए तबाही लेकर आयी। जिसमें एनीकट के गेट नहीं खोले जाने की वजह से अनेक किसानों के खड़ी फसल लगी खेत ही बह गई और अब यह कटाव नदी के दिशा परिवर्तन की वजह से वर्तमान में भी लगातार जारी है। किसानों के खेत बहने के बाद लगातार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का इस क्षेत्र में दौरा हो रहा है किन्तु आश्चर्य की बात है कि क्षेत्र के सक्रिय विधायक अब तक मौके का मुआयना करने तथा पीडि़त किसानों को सांत्वना देने नहीं पहुंच सके हैं। हॉलाकि विधायक दलेश्वर साहू ने हमारे प्रतिनिधि से चर्चा के दौरान बताया कि मैं जिम्मेदार व्यक्ति हूं और मुझे राजनीति नहीं करना है. यह बड़ी दुर्घटना है। इसमें पहले सभी रिपोर्ट आने दीजिए और एक दो दिवस में समय निकालकर मौका मुआयना कर किसानों से मुलाकात करने मैं भी पहुंचुंगा। शासन-प्रशासन से जो त्वरित मदद मिल सकती है। उसे दिलाने का भरसक प्रयास किया जायेगा। बातों ही बातों में उन्होंने एनीकट निर्माण व गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। इधर एनीकट के गेट की चाबी को लेकर उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा रेत माफियाओं को कंट्रोल करने के लिए साल भर पहले एनीकट के गेट बंद कर चाबी नगर पंचायत में रखवाया गया था। जिसे बारिश के पूर्व ही विभाग को चाबी वापस सौंप दिया गया था। बुधवार को अपनी टीम के साथ मौके पर मुआयना करने पहुंची जिपं सदस्य जागृति यदु व जिपं सदस्य इंदुमति साहू ने संयुक्त रूप कहा कि किसानों की जमीन वापस पुर्नस्थापित कर दिया जाना चाहिए। इसकी मांग शासन-प्रशासन से की जायेगी। इसके साथ ही एक टीम गठित कर इस मामले की गंभीरता से जांचकर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की जायेगी। मौके पर उनके साथ भाजपा के मंडल अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता, चुनेश्वर साहू, चुन्नी यदु सहित पीडि़त किसान मौजूद रहे.
मौके पर पहुंची जल संसाधन विभाग की एसडीओ हनी जैन ने बताया कि अचानक अधिक वर्षा और मोंगरा से पानी छोड़े जाने की वजह से इतना नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सभी एनीकटों को बारिश के पूर्व खोल दिया जाता है किन्तु इसे नहीं खोला गया था। इसका कारण यह है कि एनीकट के समीप ही पीएचई विभाग का इंटकवेल है और चार पांच दिन पानी नहीं गिरने व एक मीटर से कम पानी होने पर पीएचई विभाग का लेवल मेंटेन नहीं हो पाता, इस वजह से गेट बंद करना पड़ता है और अचानक अधिक पानी आने से गेट को नहीं खोला जा सका और गेट की चाबी दोनों विभाग के पास रहती है। जबकि उन्होंने स्वीकार किया कि गेट खोलने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग की है।
मौके का मुआयना करने राजनांदगांव से शिवनाथ क्षेत्रीय विकास समिति के अध्यक्ष डीसी जैन, संगठन मंत्री राकेश कुमार ठाकुर, उपाध्यक्ष हरजीत सिंह भाटिया एवं सदस्य कचरू प्रसाद शर्मा भी पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों के हुए बड़े नुकसान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी और मानवीय भूल की वजह से हुए इस बड़े नुकसान को कई पीडिय़ों तक नहीं भुलाया जा सकेगा। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों जिनकी एनीकट के सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। उनकी वजह से किसानों के नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए और आगामी 5 वर्षों तक खेत को बनाने व रखरखाव के लिए व्यवस्था दी जानी चाहिए।