स्थिति गंभीर होने पर भी मरीज को नहीं किया रिफर, मरने के बाद पोस्टमार्टम से इनकार किया
राजनांदगांव (दावा)। जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने छात्रा महिमा नेताम के चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव में भर्ती रहकर लापरवाहीपूर्ण इलाज के दौरान मृत्यु पर खेद प्रकट करते हुए इस घटना को दुर्भाग्यजनक बताया है। मधुसूदन यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विगत 20 दिनों से भर्ती ग्राम ढोंढरी विकासखंड मानपुर निवासी आदिवासी छात्रा कुमारी महिमा नेताम की मृत्यु मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही और उदासीनता का ज्वलंत उदाहरण है जिससे राजनांदगांव जिले में लचर चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुल गई है। उन्होंने बताया की छात्रा कुमारी महिमा अस्पताल में 20 दिनों से भर्ती थी और उसका स्थानीय चिकित्सकों द्वारा उचित इलाज नहीं किया जा रहा था। 19 सितंबर को मरीज की हालत बिगडऩे लगी जिसके बाद उसके पिता बीरबल नेताम ने हॉस्पिटल प्रबंधन से उचित इलाज हेतु एवं हायर सेंटर रेफर किए जाने का अनुरोध किया था, जिस पर हॉस्पिटल प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया।
20 सितंबर को मरीज के पिता बीरबल ने कलेक्टर को आवेदन देकर अपनी विषम स्थिति से अवगत कराते हुए अपनी पुत्री के उचित इलाज हेतु अनुरोध किया। जिस पर कोई सुनवाई नहीं की गई। 21 तारीख को मरीज महिमा की दुखद मृत्यु हो गई। मृतक के पिता बीरबल ने पैदल जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव के घर पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई और सहायता के लिए गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को भांपते हुए पूर्व सांसद मधुसूदन यादव अपनी टीम के साथ तत्काल एमसीएच पहुंचे और बीरबल नेताम के साथ सभी औपचारिकताएं पूर्ण करवाकर, संबंधित का आवेदन फॉरवर्ड करवाकर, दिवंगत छात्रा के पोस्टमार्टम एवं दोषी चिकित्सकों पर लापरवाही पूर्वक इलाज के विषय पर जांच कमेटी गठित करवाने के लिए दबाव बनाया। अंतत: 6 घंटे की मशक्कत के बाद प्रबंधन ने मृतक का पोस्टमार्टम करने एवं जांच कमेटी गठित करने की मांग को स्वीकारते हुए आदेश जारी किया।
इस दौरान मधुसूदन यादव के साथ जिला भाजपा के पदाधिकारी गण किसुन यदु, तरुण लहरवानी, प्रखर श्रीवास्तव, समीर श्रीवास्तव, प्रवीण शुक्ला, प्रशांत गोलू गुप्ता आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। भाजपा नेता मधुसूदन यादव ने सरकार पर आरोप लगाया है कि राजनांदगांव तथा मेडिकल कॉलेज की उपेक्षा के कारण ही पर्याप्त संसाधन और चिकित्सकों की कमी से जिले को जूझना पड़ता है और इस प्रकार की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं। इसके कारण चिकित्सा महाविद्यालय जैसी नामी संस्थाएं आज रेफर सेंटर बन कर सीमित रह गई हैं। इस मामले में तटस्थ जांच की मांग करते हुए मधुसूदन यादव ने एक स्थानी जनप्रतिनिधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अपने यहां आने वाले सामान्य मिलने जुलने वाले एवं फरियादियों को जबरन कांग्रेस का गमछा पहनाकर कांग्रेस पार्टी में शामिल करने वाले ऐसे जनप्रतिनिधि को अपने क्षेत्र की जनता के प्रति संवेदनशील एवं जागरूक होने की आवश्यकता है।