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ईडी के प्रेस नोट ने खोली छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद पर बने रहने के नैतिक अधिकार खो चुके हैं – सांसद पांडे
नगद ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत मिलने के बाद भी कांग्रेस द्वारा अधिकारियों की पैरवी छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय है

राजनांदगांव (दावा)। छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों और ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के उपरांत सांसद पाण्डेय ने कहा कि ईडी के प्रेस नोट में छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है. हम सब ने कभी सोचा नहीं था कि कांग्रेस शासन में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का, किसानों का, आम जनता का मेहनत का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है, दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार ने अपनी सारी सीमाएं लांघ दी है. यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए काला अध्याय हैं।

बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी, राजनेता, बिचौलिए जुड़े हैं और छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रूपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे हैं. प्रतिदिन 2 से 3 करोड रुपए जबरन वसूली जा रहे हैं. इस प्रकार हजारों करोड़ रुपए वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किया जा रहा है. ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए सांसद ने कहा कि ईडी ने करीब 4.5 करोड रुपए के बेहिसाबी नगदी सोने के आभूषण सराफा और करीब दो करोड़ रुपए के अन्य कीमती सामान जप्त किए. भ्रष्टाचार करने के लिए बकायदा नियम बदले गए. कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था. अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी. भ्रष्टाचार किस प्रकार से, किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तृत जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है. श्री पांडेय ने कहा कि गत दिनांक 15 जुलाई 2022 से बिना किसी एसओपी के 30000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं. आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया है.

अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है. ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं. तलाशी एवं जांच के दौरान श्री लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपए नगद बरामद किया गया है. उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था. जिन अधिकारियों की शिकायत को आधार बनाकर मुख्यमंत्री जी ईडी पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं, उनके घर 47 लाख रूपये की बेहिसाबी नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए। जरा मुख्यमंत्री जी और सरकार बताए कि अधिकारियों के पास इतना पैसा और सोना मिलने पर उन्हें आश्चर्य क्यों नहीं हुआ.

उन्होंने मीडिया के माध्यम से कांग्रेस से सवाल पूछा कि ईडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया जप्त की गई बेहिसाब राशि आभूषण नगदी की जानकारी आने के बाद मुख्यमंत्री जी इस्तीफा कब देंगे? भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए क्या मुख्यमंत्री जी क्या जनता से माफी मांगेंगे? क्या कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं, व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपद दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है ? अधिकारियों के घर से नकदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक उन पर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? जो लोग सरकारी पदों पर सरकार द्वारा मनोनीत है और जिन पर जांच हुई है उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया क्यों नहीं गया है?

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