केवल जयकारा लगाने वाले कार्यकर्ताओं को ही मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात में प्रवेश की अनुमति -मधुसूदन यादव
पुलिस को आगे करके जनता से बचने का प्रयास, भयभीत मुख्यमंत्री की निशानी है- मधुसूदन यादव
प्रदेश के भयभीत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, आपको किसका डर है – मधुसूदन यादव
प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यकम्रों में व्याप्त अनियमित्ता एवं कुप्रबंधन से आम जनता को हो रही परेशानी का मुद्दा उठाते हुए पूर्व सांसद राजनांदगॉव मधुसूदन यादव ने आरोप लगाया है कि सीएम के भेंट मुलाकात कार्यक्रम महज दिखावा और ढकोसला बनकर रह गये हैं, जिसमें केवल मुख्यमंत्री की जयजयकार करने वाले चाटूकार पार्टी कार्यकर्ताओं को ही प्रवेश की अनुमति प्राप्त होती है। सीएम के भेंट मुलाकात में आम जनता बड़ी आशा एवं अपेक्षा के साथ दूर दूर से शामिल होने के लिये आती है, की शासन प्रशासन स्तर पर लंबित उनके प्रकरणों का मुख्यमंत्री के माध्यम से त्वरित निराकरण हो सकेगा, बीमारों को इलाज हो सकेगा, जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता मिल सकेगी। किन्तु मुख्यमंत्री के आयोजनों में आकर जनता की सारी आशाएँ धूमिल हो जाती हैं जब उन्हें यह ज्ञात होता है कि उनके मुख्यमंत्री अपनी सभाओं में , शासन प्रशासन से शोषित, पीड़ित और न्याय की गुहार लगाने वाले नागरिकों को शामिल होने का मौका तक नहीं दे रहे हैं। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मुधूसूदन यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर यह आरोप लगाया है कि वो पुलिस को आगे करके अपनी भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आने वाले फरियादियों, दीन-दुःखी, बेसहारा लोगों से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
ऐसे भयभीत मुख्यमंत्री, विरोधी स्वर एवं कड़वी सच्चाई सुनने से बचने के लिये विपक्षी दलो के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को जबरन थानों में बिठाकर भेंट मुलाकात कार्यक्रमों में आने से रोकने की दमनकारी नीति अपना रहे है। भाजपा नेता मधुसूदन यादव ने प्रदेश के भयभीत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यह प्रश्न किया है कि आप इतने भयभीत क्यों है ? आपको किसका डर है ? आपको अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रमों में जनता का दुःख दर्द बांटने और उनके ऑसू पोछनें का प्रयत्न करना चाहिये किन्तु आप उनका सामना करने से बचना क्यों चाह रहे हैं ? क्या आप भेंट मुलाकात कार्यक्रम में अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं से अपना जयकारा लगनवाने आते हैं ? माननीय मुख्यमंत्री जी आप पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया है, किसी राजनैतिक पार्टी विशेष के नहीं, इसलिये संकीर्ण मानसिकता का त्याग करके उदारशील बनें। केवल झूठी प्रशंसा सुनने तक सीमित ना रहें, कड़वा सच सुनने का भी साहस रखें, पलायनवादी रवैया छोड़कर जनता का सामना करने का हौसला रखिये, फिर चाहे वह मुद्दा आपके पार्टी की अपूर्ण घोषणाओं का हो, प्रदेश में दिनोंदिन बढ़तें अपराध एवं अराजकता का, पूर्ण शराबबंदी का, अधूरे एवं अपूर्ण विकास एवं निर्माण कार्यो का, किसानों को खाद, बीज एवं बारदाना की उपलब्धता का, आदिवासी समाज के आरक्षण का, पेंशनर्स के लंबित डी.ए. का, शासकीय सेवकों के डी.ए. एवं गृह भाड़ा भत्ते का, या प्रदेश की अस्मिता से जुड़ा कोई अन्य मुद्दा हो।