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वनों के संरक्षण व संवर्धन के नाम से लाखों रुपए के बंदरबांट की तैयारी में दक्षिण बोरतलाव परिक्षेत्र

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० ग्रामीणों ने जनपद अध्यक्ष को निर्माण स्थल का मुआयना कराकर अधिकारियों की परेड कराई, कक्ष क्रमांक 587 का फर्जी नंबर डालकर 19 लाख की राशि स्वीकृत
० मामले का खुलासा होते ही अधूरे कार्य को पूर्ण कराने की बात कही गई
डोंगरगढ़ (दावा)।
वनांचल क्षेत्र में वनों के संरक्षण व संवर्धन के लिए शासन द्वारा स्वीकृत की गई लाखों रुपए की राशि के बंदरबांट का सिलसिला डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र में खुले रूप से किया जा रहा है. हाल ही में उत्तर बोरतलाव के कटेमा वन क्षेत्र में हुए दो करोड़ के फर्जीवाड़े का फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर की गई शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने पर नाराज क्षेत्रीय विधायक दलेश्वर साहू द्वारा मामले को विधानसभा के पटल पर चर्चा के लिए रखा गया है. इसी प्रकार का एक और मामला दक्षिण बोरतलाव के बुढ़ानछापर वन क्षेत्र का भी प्रकाश में आया है. जिसे चलते कार्य के बीच ग्रामीणों की जागरूकता के कारण पकड़ा जा सका. ग्रामीण उस समय हद प्रद रह गए, जब निर्माण स्थल का मुआयना जनपद अध्यक्ष भावेश सिंह से कराया गया. जिसमें सीधे तौर राशि के बंदरबांट की बात सामने आई. तत्काल रेंजर, डिप्टी रेंजर की अनुपस्थिति में वनरक्षक को मजदूरों के समक्ष वस्तुस्थिति की जानकारी देने व लेने के लिए बुलाया गया. जिसमें वनरक्षक नरेंद्र साहू द्वारा रुके कार्य को पूर्ण कराने की बात कही गई.

कक्ष क्रमांक 587 का फर्जी नंबर डालकर राशि स्वीकृत
वनपाल नरेंद्र साहू ने बताया कि बुढ़ानछापर वन क्षेत्र के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 587 नहीं आता, किंतु शासन द्वारा कक्ष क्रमांक 587 के नाम से 19 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत कराई गई है. उसी प्रकार मांगीखुटा वन क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 587 के नाम से 41 लाख रुपए की राशि अलग से स्वीकृत कराई गई है. इससे समझा जा सकता है कि बुढ़ानछापर में 587 नंबर का कक्ष क्रमांक है ही नहीं, उसमें कैसे निर्माण कार्य कराया जा सकता है. ऐसा जान पड़ता है कि, वन अधिकारी बिना कार्य कराए ही राशि के बंदरबांट की फिराक में थे. वनपाल के अनुसार वन समिति बुढ़ानछापर में कक्ष क्रमांक 471,72,69 शामिल है. 587 के नाम का कक्ष शामिल नहीं है.

एक कक्ष में कार्य का भूमिपूजन के पश्चात कार्य समाप्त
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक कक्ष में कार्य शुभारंभ के नाम से भूमिपूजन किया गया. उसके पश्चात दूसरे कक्ष में 10 मजदूरों से,मात्र 10 दिन कार्य कराने के बाद कार्य बंद करा दिया गया. इन कक्षों में, बांस वनों का पुनरुद्धार बिगड़े वनों का सुधार, विदोहित कास्ट कूपों में पुनरुत्थान कार्य हेतु लाखों रुपए की राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई है. दक्षिण बोरतलाव वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वनांचल क्षेत्र में स्वीकृत राशि से कराए जा रहे हैं निर्माण कार्यों का,मौका मुआयना करने पर और भी चौंकाने वाली बात सामने आएगी.

करोड़ों रुपए के कार्य निर्माणाधीन है वनक्षेत्र में
दक्षिण बोरतलाव वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बुढ़ान छापर के कक्ष क्रमांक 471 में 7 लाख 42 हजार 388, कक्ष क्रमांक 587 का फर्जी नंबर डाल कर 19 लाख 15 हजार 281, कक्ष क्रमांक 472 के लिए 3 लाख 38 हजार 395, खरखाटोला कक्ष क्रमांक 463 के लिए 37 लाख 31 हजार 371, खैरबना कक्ष क्रमांक 492 के लिए 39 लाख 4 हजार, कक्ष क्रमांक 558 के लिए 18 लाख 63 हजार, कक्ष क्रमांक 556 के लिए 6 लाख 63 हजार, चिखला कसा कक्ष क्रमांक 585 के लिए 3 लाख 83 हजार, मांगीखुंटा कक्ष क्रमांक 587 के लिए 41 लाख 6 हजार, कारुटोला कक्ष क्रमांक 455 के लिए 3 लाख 2 हजार रुपए की स्वीकृति कराकर कार्य प्रगति पर बताया गया है. इसके अलावा रोड पुल पुलिया के निर्माण के नाम से लाखों रुपए की राशि स्वीकृत कराई गई है.जिसमें कहीं कार्य प्रगति पर है दर्शाया गया है. कहीं कार्य प्रारंभ नहीं होना दर्शाया गया है. निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान सरपंच उदय नेताम, वनरक्षक नरेंद्र साहू, पंचराम कंवर, जीतूराम, गणेशुराम, रामविलास, शिवप्रसाद, बलिराम, देशराम सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे.

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