छत्तीसगढ़ सरकार का ढाई हजार रुपए महीना बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए 12वीं पास के साथ-साथ एमबीबीएस और सैकड़ों बीई-एमटेक इंजीनियरों ने भी आवेदन किया है। अब तक लगभग डेढ़ लाख आवेदन शासन को मिल चुके हैं। इनमें हजारों आवेदन चौंकाने वाले हैं।
एमबीबीएस पूरा करने के बाद आवेदन देने वालों का तर्क है कि उनके पास नौकरी नहीं है, कहीं क्लीनिक भी नहीं है। इसलिए उन्हें भी भत्ता मिलना चाहिए। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार भी ऐसे डॉक्टर-इंजीनियर भत्ते के लिए पात्र होंगे जिनके पास डिग्री तो है, लेकिन आय का कोई स्त्रोत नहीं है।
दिलचस्प जानकारी यह भी है कि भत्ते के लिए शहरी आवेदक तो 15 हजार से कुछ ज्यादा हैं, लेकिन गांवों से 76631 फॉर्म मिल चुके हैं। बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करनेवालों में युवतियां भी पीछे नहीं है। कुल आवेदनों में से 93403 लड़कों के हैं तो 58861 युवतियों ने भी फार्म भर दिया है।
भत्ते के लिए अब तक शासन ने 152270 युवक-युवतियों को पात्र मानकर पंजीकृत किया है। उन्हें पात्रता की तारीख से 2 साल तक हर माह 2500 रुपए भत्ता दिया जाएगा। भत्ता पाने के लिए सामान्य वर्ग से सबसे कम 9895 आवेदन मिले हैं। ओबीसी वर्ग से सबसे ज्यादा 78398 युवाओं ने आवेदन जमा किए हैं।
जिन युवतियों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया है, वे 12वीं से इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई कर चुकी हैं। हालांकि इसमें सबसे ज्यादा संख्या ग्रेजुएशन करने वालों की है। एवेदन अभी लगातार आएंगे, क्योंकि अंतिम तिथि नहीं है।
बालोद में सर्वाधिक नारायणपुर में कम
बेरोजगारी भत्ते के लिए बालोद जिले से सर्वाधिक 7770 आवेदन जमा हो गए हैं। नारायणपुर से सबसे कम, केवल 316 ने फॉर्म जमा किया है। रायपुर जिले से अभी तक 3831 आवेदन जमा हुए हैं। इसमें शहरी क्षेत्र से 1472 और गांवों से 2359 फॉर्म जमा हुए हैं। इनके अलावा धमतरी, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, कांकेर, कवर्धा, बलौदाबाजार, बेमेतरा ऐसे जिले हैं जहां 3000 से ज्यादा आवेदन जमा हुए हैं।
आय का स्त्रोत नहीं, तो भत्ते के पात्र
“एमबीबीएस हों या इंजीनियरिंग कर चुके युवा हों, अगर उनका आय का कोई स्त्रोत नहीं है, तो वे बेरोजगारी भत्ते के लिए पात्र होंगे।” – अवनीश कुमार शरण, डायरेक्टर तकनीकी कौशल