भारत मौसम विज्ञान (IMD) की ओर से इस बार सामान्य से कम मॉनसून (Monsoon) की भविष्यवाणी की गई थी. लेकिन जिस तरह से देश के कई राज्यों में जुलाई माह में जबर्दस्त बारिश (Heavy Rain) हुई है उसने दो दशकों से ज्यादा का रिकॉर्ड तोड़ डाला है. इस साल देश के उत्तर-पश्चिमी (Northwest Region) हिस्से के कई राज्यों खासकर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में जुलाई माह में हुई जोरदार बारिश ने अपने पुराने रिकॉर्डों को तोड़ते हुए आईएमडी की भविष्यवाणी के उलट प्रदर्शन किया है.
इस साल उत्तर-पश्चिमी राज्यों पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में 2001 के बाद से जुलाईमें सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है. हिमाचल के कई जिलों के अलावा चंडीगढ़ और हरियाणा के अंबाला जिले में 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड टूट गया है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को दूसरा लंबी अवधि का पूर्वानुमान जारी करते हुए स्वीकार किया कि वे उत्तर पश्चिम में जुलाई की बारिश के पैटर्न की सही भविष्यवाणी नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि जुलाई में बारिश लंबी अवधि के औसत (LPA) से 13 फीसदी अधिक थी. उन्होंने कहा कि अगस्त में सामान्य से कम बारिश होने की बहुत संभावना है. पूरे देश में अगस्त एलपीए 254.9 मिमी है. हालांकि, उन्होंने सितंबर में सामान्य बारिश की भविष्यवाणी की है.
आईएमडी प्रमुख ने कहा कि 8-13 जुलाई के बीच इस क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश हुई, जिससे हिमाचल में भूस्खलन हुआ और पंजाब और हरियाणा में बाढ़ आ गई. उत्तर पश्चिम भारत में 258.6 मिमी बारिश हुई जोकि 9 जुलाई को चरम पर थी. उन्होंने कहा कि उत्तर पश्चिम क्षेत्र में 1 जून से 31 जुलाई तक देश के औसत 5 प्रतिशत की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है.
उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में उच्च वर्षा गतिविधि को 4 पश्चिमी विक्षोभों (डब्ल्यूडी) की परस्पर क्रिया के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जो आमतौर पर मॉनसून चक्र के साथ बारिश लाते हैं.