छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम के अधीन दमकल विभाग में सेवा दे रहे नियमित और प्लेसमेंट कर्मचारियों का नगर सेना (Home Guard) में विलय होने के छह साल बाद भी इन कर्मचारियों का दमकल विभाग में संविलियन (मर्जर) नहीं हो पाया है. इधर संविलियन की मांग को लेकर विभाग से लेकर शासन स्तर पर पत्राचार करने वाले दमकल कर्मियों को नगर सेना अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के अतिरिक्त महानिदेशक के एक पत्र से और झटका लगा है. प्रमुख सचिव छग शासन के नाम से जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि नगरीय निकायों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत नियमित कर्मचारियों का अग्निशमन सेवा में संविलियन करने प्रस्ताव प्रेषित किया गया था.
जिसके संबंध में छग शासन गृह विभाग मंत्रालय की तरफ से 19 अक्टूबर को अवगत कराया गया कि नगरीय निकाय के कर्मचारी शासकीय सेवक नहीं हैं. जबकि गृह विभाग की अग्निशमन शाखा शासकीय है. ऐसे स्थिति में गैर शासकीय संस्था के कर्मचारियों को शासकीय विभाग में संविलियन नहीं किया जा सकता. इसलिए प्रस्ताव पर सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से असहमति व्यक्त की गई है. नियमित अग्निशमन कर्मचारियों का शासकीय कर्मचारियों को उनके वेतन से भविष्य निधि और बीमा सहित अन्य कटौती नियमानुसार हो रही है.
भविष्य को लेकर कर्मचारियों की चिंता बढ़ी
कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति मृत्यु होने पर उनके समस्त स्वत्वों का भुगतान सेवा शर्तों के अनुरूप नगरीय निकाय की तरफ से किया जाता है. इसी प्रकार कर्मचारियों की दुर्घटना या घायल होने पर शासकीय कर्मचारियों के समान नियमानुसार उन्हें चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान भी किया जाता है. इधर यह पत्र प्राप्त होने के साथ ही दमकल विभाग में सेवा दे रहे कर्मचारियों की चिंता भविष्य को लेकर बढ़ गई है. नगर सेना के दमकल विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के तरफ से अति जोखिम उठाकर भी कई बार बचाव कार्य किया जा रहा है.
जान जोखिम में डालकर सेव दे रहे हैं
ऐसी स्थिति में कई कर्मचारी आग बुझाने के प्रयास में स्वयं आग की चपेट में आने से कई बार बचे हैं. गनीमत है कि अभी तक उनके साथ कोई अनहोनी नहीं हुई. दमकल विभाग में कार्य कर रहे कर्मचारियों की चिंता इस बात को लेकर बनी रहती है कि यदि उनके साथ कोई हादसा हुआ तो उनके परिवार का क्या होगा. आपातकालीन सेवा होने के बावजूद न सिर्फ विभाग, बल्कि शासन स्तर पर उनके हितों की उपेक्षा की जा रही है. प्लेसमेंट कर्मी अल्प मानदेय होने के बावजूद जान जोखिम में डालकर सेवा दे रहे हैं. अंबिकापुर के कार्यालय में पदस्थापना के तौर पर उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन किया था, मौजूदा समय में 15 किमी दूर दरिमा स्थिति हवाई अड्डा में भी उनसे सेवाएं दी जा रही है, जिससे जीविकोपार्जन के लिए उनके पास आर्थिक तंगी बनी रहती है. यही हाल नियमित कर्मियों का भी है, उनका कहना है कि निगम में नियमित कर्मी के तौर पर उनकी भर्ती हुई थी इसके बावजूद होमगार्ड विभाग उन्हें अशासकीय कर्मचारी मान रहा है.
2017 में हुआ था विलय
शासन के दिशा निर्देश के तहत 23 अगस्त 2017 को नगर पालिक निगम अंबिकापुर के अधीन दमकल विभाग में कार्य कर रहे 18 नियमित कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया गया था और इसके बाद से वे प्रतिनियुक्ति के तौर पर नगर सेना के दमकल विभाग के अधीन सेवा देते आ रहे हैं. इसी प्रकार 14 प्लेसमेंट कर्मचारियों भी जो दमकल विभाग में सेवा दे रहे थे, होमगार्ड विभाग के अधीन हो गए. इन कर्मचारियों के तरफ से होमगार्ड विभाग के दमकल विभाग में संविलियन की मांग लंबे समय से की जा रही थी. जिसके तहत कई बार शासन स्तर पर पत्र लिखा जा चुका है. तब से लेकर आज तक करीब दो दमकल कर्मियों की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य कर्मी सेवानिवृत्त हुए हैं. मौजूदा समय में 13 नियमित और 10 से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मी कार्यरत हैं.
शासन के दिशा निर्देश पर ही होगी आगे की कार्रवाई
इस संबंध में नगर सेना के संभागीय सेनानी राजेश पांडेय ने कहा कि दमकल विभाग में नियमित भर्ती का प्रावधान है. शासन के निर्देश पर ही यह प्रक्रिया शुरू होगी. उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय के अशासकीय कर्मचारियों का विभाग में संविलियन संभव नहीं है. विभाग में संविलियन के लिए अभी शासन से दिशा निर्देश नहीं आया है. इस संबंध में शासन के दिशा निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि दमकल कर्मियों के लिए जोखिम भत्ता और वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जो अभी लंबित है.