राजनांदगांव. खैरागढ़ जिले के ग्राम कुम्ही में डोंगरगढ़ मुख्य मार्ग में सड़क पर कुछ दिन पहले युवक का शव मिला था. अज्ञात शव की पहचान आमाघाट निवासी उत्तम वर्मा के रूप में हुई थी. युवक के शव को देख कर एक्सीडेंट होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन शरीर पर किसी भी तरह का चोट नहीं था. शव के पास से कोई वाहन या और कोई भी समान पुलिस ने बरामद नहीं किया था. इसके बाद पुलिस ने डॉग स्क्वायड, साइबर और फॉरेंसिक की संयुक्त टीम बना कर सभी दिशाओं में जांच शुरू की.
पुलिस की जांच में चौंकाने वाला मामला सामने आया. दरअसल मृतक उत्तम वर्मा को बीमा के पैसे के लालच में उसी के ममेरे भाई ने षड्यंत्र कर मौत के घाट उतार दिया. पूरे मामले का खुलासा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेहा पाण्डेय ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके किया.
भाई के भाई को उतारा मौत के घाट
पुलिस के मुताबिक संदेह के आधार पर आरोपी हेमंत ढेकवार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जिसमें उसने बताया कि जनवरी 2024 में एक चार पहिया वाहन और फरवरी 2024 में एक हार्वेस्टर वाहन ख़रीदा गया जिसका 30 लाख रुपये का फ़ाइनेंस मृतक उत्तम वर्मा के नाम पर किया गया था. इसके साथ मृतक उत्तम को लोन सुरक्षा बीमा(LSB) भी फाइनेंस कंपनी द्वारा दिया गया था. साथ ही दो अलग-अलग पॉलिसी के तहत मृतक उत्तम के नाम पर लगभग 80 लाख का बीमा भी महाराष्ट्र में हेमंत ने करवा रखा था. उत्तम की दोनों गाड़ियां सालेकसा निवासी उसके ममेरे भाई हेमंत ठेकवार के पास ही थी. फाइनेंस कंपनी की लोन सुरक्षा बीमा योजना में अगर लाभार्थी की मृत्यु हो जाए तो लोन का पैसा माफ़ कर दिया जाता है.