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अब फ्लिपकार्ट और फोनपे के आएंगे आईपीओ, तैयारियों में जुट गई वालमार्ट

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देश का आईपीओ मार्केट इन दिनों गुलजार है. स्टॉक मार्केट पर लगभग हर हफ्ते कोई न कोई कंपनी अपना आईपीओ लेकर आ रही है. अब ईकॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) और डिजिटल पेमेंट सेक्टर की बड़ी कंपनी फोनपे (PhonePe) भी आईपीओ लाने की तैयारियों में जुट गई हैं. फ्लिपकार्ट और फोनपे की पैरेंट कंपनी वालमार्ट (Walmart) ने आईपीओ लाने की इच्छा जताई है.

शेयरहोल्डर्स की मीटिंग में दी गई जानकारी
वालमार्ट के एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट डैन बार्टलेट (Dan Bartlett) ने शेयरहोल्डर्स की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि हम अगले दो साल में फ्लिपकार्ट और फोनपे का आईपीओ लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम फ्लिपकार्ट से पहले फोनपे का आईपीओ लाना चाहते हैं. फ्लिपकार्ट एक स्थापित बिजनेस है. मगर, फोनपे देश के टॉप डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म की लिस्ट में शामिल है. यह भारत के तेजी से बढ़ते यूपीआई मार्केट की दिग्गज कंपनी है. इसकी मदद से अकाउंट डिटेल साझा किए बिना आप किसी को भी पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं.

अभी तय नहीं आईपीओ किस मार्केट में लिस्ट होंगे
डैन बार्टलेट ने कहा कि आईपीओ लाने से पहले हमें कई तैयारियां करनी पड़ेंगी. इसके अलावा अभी हमने यह भी तय नहीं किया है कि इन आईपीओ को भारतीय स्टॉक मार्केट पर लिस्ट करना है या कहीं और. एक साल पहल वालमार्ट के सीएफओ ने अनुमान लगाया था कि फ्लिपकार्ट और फोनपे तेजी से आगे बढ़ रही कंपनियां हैं. इनकी मार्केट वैल्यू 100 अरब डॉलर का आंकड़ा जल्द पार कर सकती है. इनकी मदद से वालमार्ट भी विदेशी बाजारों में अगले 5 साल में 200 अरब डॉलर के ग्रॉस मर्चेंडाइस वॉल्यूम (GMV) को हासिल कर सकती है.

तेजी से बढ़ रहा फोनपे का रेवेन्यू
फोनपे का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023 में 77 फीसदी बढ़ा था. यह तेजी भारत के डिजिटल पेमेंट मार्केट में फोनपे के प्लेटफॉर्म के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से आई थी. मार्च, 2023 तक फोनपे के पास लगभग 49 करोड़ कस्टमर्स थे. यूपीआई मार्केट में कुल ट्रांजेक्शन वैल्यू में कंपनी की 51 फीसदी हिस्सेदारी है.

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