वित्तीय आसूचना इकाई (FIU) ने एक्सिस बैंक पर 1.66 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है. बैंक पर यह जुर्माना आतंकवाद रोधी कमांडो बल एनएसजी के नाम पर एक ‘‘धोखाधड़ी’’ वाला खाता खोलकर अपनी एक शाखा में किए गए संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने और उसकी जानकारी देने के लिए कोई तंत्र स्थापित करने में ‘‘विफल’’ रहने को लेकर लगाया गया है. संघीय एजेंसी ने 3 जून को धन शोधन रोधक अधिनियम (PMLA) की धारा 13 के तहत एक आदेश जारी किया. अधिनियम संघीय एजेंसी के निदेशक को किसी रिपोर्टिंग इकाई (जैसे एक्सिस बैंक) पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का अधिकार देता है. किसी इकाई के निदेशक मंडल में उसके नामित निदेशक या उसके किसी कर्मचारी के उक्त कानून के तहत अनिवार्य दायित्वों का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है. इस संबंध में एक्सिस बैंक को भेजे गए सवाल का तत्काल कोई जवाब नहीं मिला है.
‘पीटीआई-भाषा’ के पास मौजूद आदेश के सारांश के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम एक ऐसे मामले से संबंधित है, जिसमें ‘‘ एक्सिस बैंक के एक कर्मचारी पर अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करके बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.’’
संदिग्ध रही बैंक मैनेजर की भूमिका
एफआईयू के आदेश में कहा गया कि यह ‘‘ कथित कदाचार सरकारी एजेंसी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के नाम पर एक धोखाधड़ीपूर्ण बैंक खाता खोलने से संबंधित है.’’ आदेश में कहा गया , ‘‘ रिपोर्ट से संकेत मिला कि एक्सिस बैंक के एक प्रबंधक ने इस खाते को खोलने में भूमिका निभाई जिसका मकसद कथित रूप से अवैध धन एकत्र करना था.’’
आदेश में कहा गया कि एफआईयू ने धन शोधन निरोधक कानून के उल्लंघन के कथित आरोपों पर बैंक के खिलाफ कुल 1,66,25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाला एफआईयू एक एजेंसी है जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरह धन शोधन रोधक कानून की कुछ धाराओं को लागू करने का काम सौंपा गया है.