वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) पर ब्याज दरों में 10 बेसिस पॉइंट की कमी कर दी गई है. 10 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद अब इस फंड में जमा राशि पर 7.9 फीसदी सालालना ब्याज मिलेगा, जो पहले 8 फीसदी था. नई ब्याज दरें 1 जुलाई से प्रभावी हो चुकी हैं. वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन के जरिए इस बात की जानकारी दी है ।
यह ब्याज दर केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे, रक्षा बलों की भविष्य निधि, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर लागू होगी. जीपीएफ के सदस्य केवल सरकारी कमर्चारी होते हैं. इसके पहले जीपीएफ की ब्याज दर में बदलाव अक्टूबर 2018 में किया गया था, जब ब्याज दर 0.4 फीसदी बढ़ाकर 8 फीसदी तक किया गया था ।
निम्न प्रोविडेंट फंड की ब्याज दरों में कटौती हुई है-
जनरल प्रोविडेंट फंड (सेंट्रल सर्विसेज)
कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड (इंडिया)
स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड
इंडियन ऑर्डनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड
इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज वर्कमैन प्रोविडेंट फंड
जनरल प्रोविडेंट फंड (डिफेंस सर्विसेज)
डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड
आर्म्ड फोर्सेस पर्सनल प्रोविडेंट फंड
इंडियन नेवल डॉकयार्ड वर्कमैन प्रोविडेंट फंड
क्या है GPF?
GPF एक तरह का प्रोविडेंट फंड अकाउंट ही है लेकिन यह हर तरह के इंप्लॉइज के लिए नहीं होता है. GPF का फायदा केवल सरकारी कर्मचारियों को ही मिलता है और वह भी रिटायरमेंट के वक्त. इसका फायदा लेने के लिए सरकारी कर्मचारियों को अपनी सैलरी का एक निश्चित हिस्सा जीपीएफ में डालना होता है. सरकारी कर्मचारियों के एक निश्चित वर्ग के लिए जीपीएफ में योगदान करना अनिवार्य है ।
कैसे करता है काम?
GPF अकाउंट में सरकारी कर्मचारी को इंस्टॉलमेंट में एक निश्वित वक्त तक योगदान देना होता है. अकाउंट होल्डर GPF खोलते वक्त नॉमिनी भी बना सकता है. अकाउंट होल्डर को रिटायरमेंट के बाद इसमें जमा पैसों का भुगतान किया जाता है, वहीं अगर अकाउंट होल्डर को कुछ हो जाए तो नॉमिनी को भुगतान किया जाता है ।
GPF से लोन लेने की भी सुविधा है और खास बात यह है कि लोन ब्याज मुक्त होता है. कोई कर्मचारी अपने पूरे करियर में कितनी ही बार GPF से लोन ले सकता है यानी इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है.
PF, PPF से कैसे अलग
PF अकाउंट किसी भी इंप्लॉई का हो सकता है. फिर वह सरकारी नौकरी में हो या प्राइवेट. इसे इंप्लॉयर द्वारा खोला जाता है और इंप्लॉई व इंप्लॉयर दोनों की ओर से 12-12 फीसदी का योगदान दिया जाता है. इंप्लॉयर के 12 फीसदी में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई की पेंशन में जाता है. इंप्लॉई अपने PF फंड को जरूरत पड़ने पर विदड्रॉल कर सकता है ।
वहीं PPF अकांउट को कोई भी नागरिक खुद से खुलवा सकता है. इसके लिए उसका इंप्लॉई होना जरूरी नहीं है. यह सेविंग्स कम टैक्स सेविंग्स अकाउंट होता है. इसका फायदा यह है कि इसमें होने वाला डिपॉजिट टैक्स फ्री रहता है, उस पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसे पर भी टैक्स नहीं लगता है. PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. इसमें सालाना 500 रुपये के न्यूनतम निवेश से लेकर 1.5 लाख रुपये तक का अधिकतम निवेश किया जा सकता है. PPF पर इस वक्त ब्याज दर 8 फीसदी है ।
गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा रकम पर वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 फीसदी ब्याज देने का केंद्र सरकार ने निर्णय लिया था.