वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया. दिनभर इस बात की खूब चर्चा हुई कि सरकार का साथ दे रहे सहयोगी दलों जेडीयू और टीडीपी शासित राज्यों पर सरकार ने खजाना लुटा दिया. मिडिल क्लास को कुछ खास नहीं मिला. यहां तक कि इस बार हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे चुनावी राज्य भी खाली हाथ रह गए. इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. लेकिन बजट से कई बातें साफ हो जाती हैं. पहला, सरकार ने गठबंधन पॉलिटिक्स को स्वीकार कर लिया है. युवाओं को लुभाने की कोशिश की है. महिलाओं और आदिवासियों पर फोकस रखा है. हालांकि, चुनावी राज्यों को मन मुताबिक नहीं मिला है.
इंडिया अलायंस के नेताओं की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर बैठक हुई. संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बनी. कहा तो ये भी जा रहा है कि भेदभावपूर्ण बजट का आरोप लगाकर इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार कर सकते हैं. बैठक में ज्यादातर दल नीति आयोग के बहिष्कार के पक्ष में थे. हालांकि, ममता बनर्जी इस बैठक के लिए 26 जुलाई को ही दिल्ली पहुंच रही हैं. नीति आयोग की बैठक 27 जुलाई को होनी है. कांग्रेस ने बजट को उनके मेनिफेस्टो का कटपेस्ट करार दिया है. संसद में आज इसे लेकर हंगामे के आसार हैं.
एक्सपर्ट के मुताबिक, बजट भाषण से यह स्पष्ट हो गया कि बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में हुए नुकसान से सबक सीख लिया है और गठबंधन पॉलिटिक्स को अपनाने में तेजी दिखाई है. युवाओं और नौकरियों पर फोकस यह बताता है कि बेरोजगारी के मुद्दे का सामना करने के लिए पार्टी तैयार है. इसने आम चुनाव में युवा वोटरों को दूर कर दिया था. आइए जानते हैं कि आखिर बीजेपी ने बजट में ऐसा क्या किया.
1.नीतीश-नायडू की भरी झोली
बजट से ये साफ झलकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य बिहार और चंद्रबाबू नायडू के राज्य आंध्र प्रदेश को अच्छा खासा पैकेज मिला. बिहार को कुल 60 हजार रुपये से अधिक की सौगात मिली. इसमें चार एक्सप्रेस-वे, कई हाईवे और गया में औद्योगिक केंद्र विकसित करने का ऐलान हुआ. वहीं, आंध्र प्रदेश को लगभग 25000 करोड़ के प्रोजेक्ट मिले.
2. बेरोजगारी पर चिंता
वित्त मंत्री ने बजट में रोजगार पर चिंता दिखाई, ये साफ नजर आता है. इसलिए स्टार्टअप के लिए टैक्स माफ किया. 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास की योजनाओं की घोषणा की गई. 20 लाख युवाओं को स्किल डेवलेपमेंट के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा.500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे. उन्हें 5,000 रुपये हर महीने भत्ता मिलेगा. नए इम्प्लॉई के लिए ईपीएफ के जरिये एक महीने का वेतन देने का ऐलान. उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तक का कर्ज मिलेगा. स्किल लोन योजना में 7.5 लाख तक का ऋण. ऐसे कई अहम ऐलान किए गए हैं.
3. सैलरीड क्लास को थोड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अहम ऐलान किया. उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 कर दिया है. टैक्स स्लैब में भी संशोधन किया गया है. 3 लाख तक की आय पर शून्य टैक्स लगेगा. 3 लाख-7 लाख ब्रैकेट पर 5 प्रतिशत टैक्स जबकि 7 लाख से 10 लाख आय होने पर 10 फीसदी कर चुकाना होगा. न्यू टैक्स स्लैब चुनने वाले इस साल 17500 रुपये बचा पाएंगे.
4. चुनावी राज्यों को क्या मिला
महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने इन राज्यों के लिए कुछ नहीं किया. लेकिन पूर्वोदय योजना का ऐलान किया गया, जिसमें बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के साथ ही झारखंड को भी लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का लाभ भी झारखंड को मिलेगा. कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख 52 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. इसका लाभ तीनों राज्यों को होगा. महाराष्ट्र में 1.10 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन. हालांकि, महाराष्ट्र हरियाणा के लिए अलग से कोई बहुत बड़ी योजना का ऐलान नहीं किया गया है.
5. कारोबारियों-इन्वेस्टर्स को कुछ खास नहीं
सरकार ने शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स में बदलाव किया है. सरकार ने बजट में इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया है. वहीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10% से बढ़कर 12.5% हो गया है. पीएम आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 1 करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग परिवारों के लिए घर बनाए जाएंगे. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने बिजली फ्री मिलेगी.