प्रॉपर्टी की सेल पर 1 फीसदी टीडीएस की जो घोषणा इस बार बजट में की गई थी उसे लेकर लोगों के मन में कुछ संशय था. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोग इस नियम को जिस तरह से देख रहे हैं हकीकत उससे कुछ अलग है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा था कि 50 लाख रुपये या उससे अधिक की मूल्य वाली अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री पर 1 फीसदी टीडीएस लगेगा.
अब लोगों को ये लग रहा है कि अगर उस प्रॉपर्टी को कई लोग मिलकर खरीद या बेच रहे हैं और उनके द्वारा लगाई गई निजी रकम 50 लाख रुपये या उससे ऊपर नहीं जाती है तो टीडीएस नहीं देना होगा. जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है. इस तरह से तो कई लोग मिलकर 1 प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और उनका निजी निवेश 50 लाख रुपये से कम रहने पर टीडीएस किसी भी परचेस या सेल पर नहीं लगेगा.
मेमोरेंडम को गलत व्याख्या
ऐसी गड़बड़ी सरकार द्वारा जारी मेमोरेंडम को गलत तरीके से समझने के कारण हो रही है. इसका जिक्र केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भी किया था. उन्होंने कहा था कि यह गड़बड़ी टैक्स रेग्युलेशन की गलत व्याख्या के कारण हो रही है. वित्त मंत्री ने नियम को और सरल व समझ में आने लायक बनाने की बात कही थी. मेमोरेंडम में जो कहा गया है उसका मतलब यह है कि प्रॉपर्टी की कीमत या उसकी स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू (जो भी अधिक हो) 50 लाख रुपये या उससे अधिक होती है तो उस पर 1 फीसदी टीडीएस कटेगा. यह बात खरीद और बिक्री दोनों ही सूरतों में लागू होती है. यह नया नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएगा.
मिलेगी 1 छूट
इस नियम से कृषि भूमि को बाहर रखा गया है. यानी कोई भी जमीन जिसे कृषि भूमि माना गया है उसकी वैल्यू 50 लाख रुपये से अधिक होने पर भी उसकी खरीद-बिक्री पर टीडीएस नहीं देना होगा. इसके अलावा किसी भी तरह की अचल संपत्ति को खरीदने या बेचने पर 1 फीसदी टीडीएस कटेगा, बशर्ते उसकी कुल वैल्यू 50 लाख रुपये या उससे अधिक हो.