पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली की खबरें आए दिन सामने आती रहती है। अभी हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक पाकिस्तान के 50 फीसदी परिवार दो वक्त की रोटी तक नहीं जुटा पाते हैं। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी के कारण लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। इस कारण पाकिस्तान में बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को लेकर यह जानकारी एक सर्वे में सामने आई है। पाकिस्तानी मीडिया हाउस एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण, 2018 के अनुसार पाकिस्तान के आधे से अधिक परिवार इतने गरीब है कि वे दो वक्त का खाना भी नहीं खा सकते। इससे देश में कुपोषण के मामलों में इजाफा हो रहा है।
नेशनल हेल्थ सर्विस मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के 40.2 फीसदी बच्चे अत्यधिक कुपोषण के शिकार हैं जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधक है।
इस सर्वे का उद्देश्य सरकार को इस समस्या की तरफ ध्यान दिलाने की लिए था। यह पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा सर्वे है जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी, गिलगित-बाल्टीस्तान और साथ ही पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों को भी शामिल किया गया है। सर्वे में देश के 115,600 परिवार, 145,324 महिलाओं को शामिल किया गया है। साथ ही यह अध्ययन पांच साल से नीचे के 76,742 और 10 से 19 साल के 145,847 किशोरों पर किया गया है।
पाकिस्तान स्वास्थ्य सेवा में भी भारत पर निर्भर
एक स्थानीय खबर के अनुसार, पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था इतनी चरमरा गई है कि उसे रेबीज रोधी और विष रोधी जैसे टीकों के लिए भी भारत पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। पाकिस्तान ने पिछले 16 महीनों के दौरान भारत से 250 करोड़ रुपये से अधिक के रेबीज रोधी और विष रोधी टीकों की खरीदारी की है।
पाकिस्तान के अखबार ‘द नेशन’ ने बृहस्पतिवार को एक खबर प्रकाशित की थी। इसके अनुसार पाकिस्तान में पर्याप्त मात्रा में टीके नहीं बनने के कारण उसने पिछले 16 महीनों में भारत से 3.6 करोड़ डॉलर यानी 250 करोड़ रुपये से अधिक के टीकों का आयात किया है।