केरल के वायनाड में दिनभर का काम निपटाकर लोग नींद की गहराइयों में डूबे थे, उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा कि यह रात उनकी आखिरी रात होगी, वे सुबह-सुबह जिस पहाड़ को देखते हुए उठते थे, वही उनपर काल बनकर टूटेगा. वायनाड के दो जगहों पर भारी लैंडस्लाइड मंगलवार के तड़के तकरीबन 2 से 4 बजे के करीब हुआ. लैंडस्लाइड के मलबे में दबने से लगभग 151 लोगों की मौत हो चुकी है. भारतीय आर्मी की देखरेख में बचाव अभियान तेज कर दिया गया है. साथ रेस्क्यू टीम (एनडीआरएफ & एसडीआरएफ) लगातार बचाव अभियान में लगी हुई है. स्निफर डॉग को भी अभियान में शामिल कर लिया गया है.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की मानें तो खतरा अभी टला नहीं है. वायनाड के पहाड़ी जिले और केरल के सभी उत्तरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. अगले 24 घंटों के भीतर अत्यधिक भारी बारिश संभावना है. सेना के अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन के बाद लोगों की मदद और बचाव अभियान में तेजी के लिए भारी मशीनों और स्निफर डॉग की टीमों को हेलिकॉप्टर से पहुंचाया जा रहा है. साथ ही भारतीय केस्ट गार्ड फोर्स ने अपनी आपदा राहत टीमें भी घटनास्थल पर भेजी हैं.
बचाव अभियान में जुटी सेना
वायनाड में मंगलवार को भूस्खलन के बाद ही सेना की टीम को सर्च ऑपरेशन के लिए लगा दिया गया था. मंगलवार को लगभग 225 फौजियों की चार टुकड़ियां रेस्क्यू में लगी हुईं थी. इनके अलावा, कम से कम 140 जवानों वाली दो और टुकड़ियों को तिरुवनंतपुरम में स्टैंडबाय पर रखा गया है, ताकि किसी आपात स्थिति में उन्हें हवाई मार्ग से घटना स्थल तक ले जाया जा सके. साथ ही सेना मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया (HADR) की मदद और समन्वय के लिए कोझीकोड में एक कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर बनाई है.
हेलिकॉप्टर से किया जा रहा जांच
बाचाव टीम ने बताया कि वायनाड के प्रभावित क्षेत्र की हेलीकॉप्टर से जांच की जा रही है. यह श्योर किया जा रहा है कोई छुटे नहीं. साथ ही बचाव अभियान को सही दिशा में ले जाने के लिए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. वहीं, भूतपूर्व सेना के अधिकारियों के लिए बने ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक कलपेट्टा ने बाढ़ से बचाव ऑपरेशन के लिए डॉक्टर और नर्सिंग हेल्प के साथ मेडिकल दवाओँ के में मदद कर रहे हैं.
दो दिन का शोक
वायनाड में विनाशकारी लैंडस्लाइड ने अब तक 151 लोगों की जान ले ली है जबकि 128 से ज्यादा लोग घायल अवस्था में सेना द्वारा रेस्क्यू किए गए हैं. नागरिकों की मौत पर केरल सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्य सरकार इस दुखद घटना से बहुत दुखी है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और घरों और अन्य संपत्तियों का बड़े स्तर विनाश हुआ. प्रोटोकॉल के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सार्वजनिक समारोह और समारोह रद्द रहेंगे.