छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को सीएम हाउस में हरेली पर्व पर बड़ा आयोजन हुआय. पूरे परिसर को ग्रामीण थीम में सजाया गया था. छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के पहले पर्व हरेली पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी धर्मपत्नि कौशल्या देवी साय के साथ गौरी-गणेश पूजा कर भगवान शिव का अभिषेक किया. मुख्यमंत्री ने नांगर, रापा, कुदाल व कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि किसानों की खुशहाली और समृद्धि हमारी सरकार का लक्ष्य है. हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है, यहां की 80 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में कई अहम फैसले लेकर खेती-किसानी को मजबूत बनाने का काम किया है.
मुख्यमंत्री साय ने रविवार को राजधानी रायपुर के अपने निवास में हरेली तिहार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित किया. उन्होंने इस मौके पर प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दीं.मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिए काम किया है. किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई है. किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है. छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रुपये का मूल्य मिल रहा है, जो देश में सबसे ज्यादा है.
छत्तीसगढ़ी संगीत, लोकनृत्य, पारंपरिक गड़वा बाजा, राउत नाचा, गेड़ी नृत्य, रहचुली और कई छत्तीसगढ़ी पकवानों और व्यंजनों के आनंद के साथ लोगों ने सीएम हाउस में हरेली त्योहार मनाया. इस अवसर पर लोक कलाकारों ने राउत नाचा, करमा नृत्य, बस्तरिया नृत्य और गेड़ी चढ़कर नृत्य की प्रस्तुति दी. मुख्यमंत्री साय ने भी छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा धारण कर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया.
हरेली त्योहार के मौके पर सीएम हाउस छत्तीसगढ़ व्यंजनों से महक उठा. हरेली तिहार में आने वाले मेहमानों के लिए खास तौर पर ठेठरी, खुरमी, पिड़िया, अनरसा, खाजा, करी लड्डू, मुठिया, गुलगुला भजिया, चीला-फरा, बरा जैसे स्वादिष्ट पकवान बनाए गए थे, जिसका मेहमानों ने लुत्फ उठाया.