लोकसभा में एनडीए की सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लेकर आई है. बिल आने के बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया, जिसके बाद अब इस बिल को जेपीसी कमेटी में भेज दिया गया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में इसका क्या असर होगा? वहीं प्रदेश भर में वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्तियां हैं? इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी सरकार में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य रहे नेताओं ने जानकारी दी है.
कांग्रेस सरकार में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे सलाम रिजवी का कहना है कि “अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ राज्य में भी वक्फ बोर्ड है और इस बोर्ड के पास भी हजारों-करोड़ की संपत्तियां हैं, लेकिन बेहिसाब संपत्तियों का हिसाब बोर्ड के पास नहीं है. हैरानी की बात यह है कि वक्फ बोर्ड की 80 प्रतिशत संपत्तियों पर कब्जा है.”
छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की हालत खराब- सलाम रिजवी
उन्होंने आगे कहा कि “मुतवल्ली ने इसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि कागजों को दुरुस्त कराने का काम उन्होंने ठीक से नहीं किया. वक्फ बोर्ड ने भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई, इससे भी बड़ा नुकसान हुआ है. वर्तमान में ये स्थिति है कि राज्य में वक्फ बोर्ड की हालत खराब है. वक्फ बोर्ड का काम सामाजिक कल्याण के लिए काम करना है. जैसे- जमीनें देना, अस्पताल बनवाना, स्कूल-कॉलेज खोलना, लेकिन यह हो नहीं पा रहा है.”
सलाम रिजवी का कहना है कि “छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की तरह धार्मिक एजेंडे वाला राज्य नहीं है. वहीं वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने के बावजूद वह वक्फ बोर्ड के पास नहीं है. अगर बात सियासत की है तो इसे बस धारा 370 या तीन तलाक जैसे बिल की तरह ही देख सकते हैं. लेकिन मेरा तो सुझाव है कि वक्फ की तरह मठ बोर्ड बना दिया जाना चाहिए, क्योंकि मठों के पास वक्फ से भी कहीं ज्यादा बेहिसाब संपत्तियां हैं.”
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के 80% संपत्तियों पर अवैध कब्जा- सलीम राज
वहीं बीजेपी सरकार में वक्फ बोर्ड के सदस्य सलीम राज का कहना है कि “बिल से सबसे ज्यादा तकलीफ विपक्ष को ही है, क्योंकि वक्फ के 80 प्रतिशत कब्जे वाली संपत्ति पर सामाजिक, राजनीतिक तौर पर सक्रिय लोगों का हाथ है. मेरी जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 1,100 से अधिक प्रॉपर्टी वक्फ के पास है, लेकिन कहां, किसके हाथ में है, कौन इसका कैसे उपयोग कर रहा है कुछ पता नहीं है.”
सलीम राज ने कहा कि “इस संशोधन बिल से सबको फायदा होगा. पीएम मोदी की नीति और नीयत दोनों ही साफ है. उन्होंने हमेशा मुसलमानों के हित में काम किया है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासन में जो लाभ मुसलमानों को हुआ वो कांग्रेस की सरकारों में नहीं हुआ, क्योंकि कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों का उपयोग वोट बैंक के लिए लिया है.”
उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के पास लगभग 10 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, जिनमें से 80% पर अवैध रूप से कब्जा है. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सामाजिक और राजनीतिक लोगों के कब्जे हो चुके हैं, जिन जगहों पर स्कूल, अस्पताल मदरसे बनने थे उन जगहों का कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है.” उनका कहना है कि संशोधन बिल से छत्तीसगढ़ में सियासी असर नहीं, बल्कि सामाजिक असर होगा.