हिमाचल में एक 20 वर्षीय महिला की सदमे से मौत हो गई जब उसे पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव है. बाद में परीक्षण से पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव नहीं थी, जैसा कि पहले बताया गया था. इस मामले में हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महिला की आठ महीने पहले ही शादी हुई थी, जब उसे इस बारे में पता चला तो वह कोमा में चली गई.
महिला को उसकी प्रेग्नेंसी के इलाज के लिए रोहड़ू के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था और फिर सर्जरी के लिए शिमला के एक अस्पताल में भेजा गया. शिमला अस्पताल में एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट देखकर, डॉक्टरों ने उसके पति को भी परीक्षण करने के लिए कहा. महिला ने इस बातचीत को सुना और एक कोमा में चली गई.
बाद में HIV की दोबारा जांच के लिए इसे शिमला इंटरग्रटेड एंड टेस्टिंग सेंटर (ICTC) जांच के लिए भेजा गया. लेकिन तब तक महिला की हालत काफी गंभीर हो गई थी और मंगलवार उसकी IGMC अस्पताल में उसकी मौत हो गई. वह एचआईवी के सदमे और कलंक को सहन नहीं कर सकी. हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, उन्होंने कहा कि निजी क्लिनिक के खिलाफ गलत एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट तैयार करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने महिला के परिवार को नियमानुसार मुआवजा देने का भी वादा किया है. महिला के भाई देस राज ने कहा कि शिमला में कमला नेहरू अस्पताल ने अपनी परीक्षणों की रिपोर्ट भी सौंपी, जिसमें एचआईवी + दिखाया गया था. शिमला अस्पताल में उनके पति को परीक्षण के लिए कहा गया था क्योंकि उनकी पत्नी की परीक्षण रिपोर्ट में कहा गया था कि वह एचआईवी + थी.
देस राज ने आरोप लगाया कि उनकी बहन ने इस बातचीत को सुना और वह कोमा में चली गईं. KNH डॉक्टरों ने बाद में उसे IGMC अस्पताल के मेडिसिन विभाग में रेफर कर दिया. दो दिनों के बाद, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के ICTC केंद्र द्वारा किए गए परीक्षणों में पाया गया कि वह HIV पॉजिटिव नहीं थी.