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(औंधी) रायमनहोरा में दो साल से स्कूल बंद , बच्चे अपने रिस्तेदारो के घर रहकर दूसरे स्कुलो में पढ़ने को मजबूर

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औंधी: एक ओर सरकार शिक्षा पर विशेष फोकस कर रही है तो दूसरी ओर नक्सल क्षेत्र के गरीब तबके के बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। औंधी से 10 किलोमीटर दूर रायमनहोरा में दो वर्ष से शासकीय प्राथमिक स्कूल को बंद करते हुए वहाँ पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूल में मर्ज कर दिया गया। ऐसे में दूसरा स्कूल 5 किमी दूर  होने के कारण पालक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं और बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से पीछे बने हुए हैं। रायमनहोरा के ग्रामीण महिला कमला बाई सबला ने बताया कि दूसरा स्कूल गांव से बहुत  दूर है, ऐसे में छोटे बच्चे अकेले नहीं जा सकते हैं इसलिए अपने 2 बच्चों को अपने रिश्तेदार के घर रखकर पढ़ाई करवा रही है वही फुलबाशन बाई  धुर्वे ने बताया कि अपने दो बच्चों को औंधी में पढ़ा रही रही है , शुधाकर नाहमूर्ते ने बताया कि वह अपने बच्चे को बोडेगाव स्कूल में पढ़ने अपने रिश्तेदार के घर भेज दिया है इस तरह की हालात बनी रही तो अभी आंगनबाड़ी में 18 बच्चें है जो आने वाले समय मे कहा पढ़ाई करेंगे यह बड़ा सवाल है।गांव के ही नारद सबला ने बताया कि गांव पूरी तरह से जंगल के बीच बसा है जिसके चलते लोग अपने रिस्तेदार के घर बच्चों को भेज कर पढ़ा रहे और जो नही भेज पा रहे है ऐसे बच्चों की पढाई प्रभावित हो रही है।वही अन्य ग्रामीणों ने प्राइमरी स्कूल का संचालन दोबारा करने के लिए मीडिया की जरिये सरकार से मांग की है।

क्यो हुआ स्कूल बंद अक्टूबर 2017 में चिचवाहि स्कूल में शिक्षक की कमी को लेकर के ग्रामीणों ने शिक्षक की मांग को लेकर स्कूल में ताला बंद कर दिया गया था तब आनन फानन में BEO ने रायमनहोरा स्कूल में पदस्त शिक्षक नागवंशी को  चिचवाहि स्कूल में अटैच कर दिया गया और वहाँ पढ़ने वाले 3 बच्चों में से एक बच्चे को औंधी आश्रम में मर्ज कर दिया गया जबकि शुरुवाती सत्र में बच्चों की दर्ज संख्या के आधार में मर्ज करना था 10 महीने में क्यो जब किसी स्कूल में ताला बंदी कर शिक्षक की मांग किया गया हो।यह स्कूल धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अंतिम गांव का रायमनहोरा छत्तीसगढ़  का अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र राजनांदगांव जिले के ब्लाक का अंतिम गांव है जो महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले से लगा हुआ है यह गांव पूरी तरह से जंगलो से घिरा हुआ है जो अब यहाँ का स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है और अटैच में गए शिक्षक का पदस्थापना चिचवाहि में हो गया है अब आने वाले समय मे यहाँ के बच्चों का भविष्य क्या होगा यह भगवान भरोसे है।

चिचवाही में शिक्षक की कमी के चलते ग्रामीणों ने स्कूल में ताला बंद कर दिया गया था जिसके चलते रायमनहोरा स्कूल की दर्ज संख्या को देखते हुए वहाँ पदस्त शिक्षक को चिचवाही में अटेच किया गया है और बच्चो को औंधी स्कूल में मर्ज किया गया, पढ़ने वाले बच्चे गांव में है तो मुझे जानकारी नही है जिसे दिखवाता हूँ, एन. के.निरापुरे (ब्लाक शिक्षा अधिकारी मानपुर)

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