रायपुर। राजधानी रायपुर में एक महिला डिजिटल अरेस्ट हो गई। आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और महिला से 58 लाख रुपए वसूल लिए। जानकारी के मुताबिक 3 नवंबर की दोपहर महिला के पास फोन आया था। महिला 24 घंटों तक साइबर ठगों की कैद में रही। 4 दिनों में मैसेज के माध्यम से 58 लाख ट्रांसफर करवाए। इस मामले की शिकायत महिला ने पंडरी थाने में की है।
मोवा की रहने वाली एमवी लक्ष्मी ने बताया कि उनके पति ट्रैज़री डिपार्टमेंट में पोस्टेड थे। उनका देहांत हो चुका है, वह घर पर अकेली रहती है। उनकी दो बेटियों की शादी हो चुकी है। जब कॉल आया तो सामने वाले ने खुद को टेलीकॉम डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि उनके आधार नंबर का दुरुपयोग हुआ है। किसी मोहम्मद इस्लाम नवाब नाम के व्यक्ति ने 311 बैंक अकाउंट खोल लिए हैं। इसके लिए आपको मुंबई आना पड़ेगा।
इसके बाद फोन पर युवक ने कहा कि वह कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर रहा है। महिला के मुताबिक, कुछ देर बाद वीडियो कॉल में विक्रम सिंह नाम का युवक आया। उसने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी। महिला को कहा गया कि 24 घंटे तक कॉल में जुड़ा रहना होगा, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है। विक्रम ने महिला से कई सारे पर्सनल सवाल किए। बैंक अकाउंट के बारे में भी सभी जानकारी पूछी गई।
साइबर ठग ने महिला को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला कहकर एक लेटर भेजा, जिसमें रिजर्व बैंक और फाइनेंस डिपार्टमेंट का लेटर हेड था। इसमें लिखा था कि आप जांच पूरे होने तक देश छोड़कर नहीं जा सकते हो, इसके अलावा इस केस को किसी से शेयर भी नहीं कर सकते हो। महिला ने ठग के झांसे में आकर किसी को नहीं बताया।
उसके बाद ठग ने महिला को एक खाता नंबर दिया और कहा कि इसमें 31 लाख रुपए ट्रांसफर कर दो। अगले दिन महिला ने बैंक जाकर आरटीजीएस के माध्यम से 31 लाख रुपए भेज दिए। इसी तरह ठग ने 20 लाख रुपए भी मांग लिए। आगे महिला ने 4 लाख और 50 हजार भी भेजे। महिला ने 58 लाख का ट्रांजैक्शन 4 दिनों में किया। ठग ने पैसे वसूलने के बाद महिला को यह बात अपनी बेटी को बताने के लिए कहा। इसके बाद इस पूरे मामले की शिकायत महिला ने थाने में की। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।