नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं हैं. सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा 113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 सीसीटीवी क्यों हैं. केंद्र सरकार इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं. इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे.जस्टिस अभय एस ओका व जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार के कदम को लेकर आपत्ति जताई है. आदेशों के बावजूद दिल्ली पुलिस स्टेज 4 के प्रतिबंध समय पर लागू कराने में विफल रही.
जीआरएपी 4 के प्रतिबंध कम से कम 3 दिन और लागू रहने चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी. यह मामला एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह की अपील पर लिस्ट किया गया है. जिन्होंने दिल्ली में मौजूदा स्थिति को देखते हुए तत्काल सुनवाई की मांग रखी थी. 14 नवंबर को एमिकस क्यूरी ने कहा था कि प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ भी नहीं कियाए हालात गंभीर हैं. दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनना चाहिए. मामला दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के प्रबंधन से भी जुड़ा हैए जिसे एमसी मेहता ने दायर किया है. इसमें एनसीआर राज्यों में वाहनों से होने वाले प्रदूषणए इसका मैनेजमेंट और पराली जलाने जैसे मुद्दों को रखा गया है.