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माफियाओं की नो एंट्री: सीएम विष्णुदेव के एक साल के कार्यकाल में सबसे अधिक माफियाओं में बेचैनी,ष्टरू का सबसे बड़ा प्लस…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 13 दिसंबर 2023 को शपथ ग्रहण किया था। याने एक साल अब कंप्लीट होने को है। विष्णुदेव साय सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि माफियाओं को कोई वेटेज नहीं मिल रहा है। सरकार के गठन के बाद विभिन्न व्यवसायों के लोगों ने सत्ता तक पहुंचने का खूब कोशिशें की मगर अभी तक उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला है।

इसकी सबसे बड़ी वजह है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का स्वभाव। 35 साल के विधायक और सांसद के सार्वजनिक जीवन में विष्णुदेव पर कोई दाग नहीं लगा। उसकी वजह यह रही कि कभी भी उन्होंने लूट-खसोट करने वाले बदनाम लोगों को अपने पास फटकने नहीं दिया। बता दें, रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी है ही भांति-भांति के माफियाओं की भी यह शरणस्थली है। रायपुर भूमाफिया से लेकर बिल्डर माफिया, मेडिकल माफिया, शराब माफिया, ठेकेदार माफिया, सप्लायर माफिया, डीएमएफ माफियाओं से भरा पड़ा है। छत्तीसगढ़ बनने से पहले जो कारोबारी लाखों का व्यापार करते थे, वे सत्ता के संरक्षण का लाभ उठा अब अरबों में खेल रहे हैं। वो चाहे बिल्डर हो या मेडिकल या किसी अन्य सेक्टर के लोग।

कुछ दिन पहले एक मेडिकल सप्लायर का सप्लाई कांड एक्सपोज हुआ था, उसमें पता चला कि राज्य बनने से पहले वो कुछ लाख का बिजनेस करता था मगर अब उसका कारोबार हजार करोड़ से उपर पहुंच चुका है। यही हाल बिल्डरों का है। छोटे-छोटे बिल्डरों ने राजनेताओं और नौकरशाहों के पैसे से आज अरबो, खरबों का कारोबार कर रहे हैं। इन माफियाओं की एक फाइल खुल जाए तो वे सलाखों के पीछे होंगे। मगर सत्ता से गलबहियां करने के यही तो फायदे हैं…सत्ता में बैठे लोग आंखें मूंद लेते हैं। अनेक ऐसे बिल्डर हैं, जो सरकारी जमीनों को दबा लिया या लैंड यूज बदलकर बड़ा खेला कर दिया।

रायपुर के मास्टर प्लान में ही इतना बड़ा खेला हुआ कि उससे बिल्डरों और लैंड माफियाओं, राजनेताओं, ब्यूरोक्र्रेट्स को दो हजार करोड़ से अधिक का फायदा हुआ। हालांकि, आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने मास्टर प्लान पर रोक लगाते हुए जांच बिठा दी है। सरकार बनने के बाद काले काम करने वाले कारोबारियों ने मुख्यमंत्री निवास में घुसने की काफी कोशिशें की। बीजेपी संगठन के लोगों को भी साधा गया। मगर सबने हाथ ख?ा कर दिया। बीजेपी के लोग भी जानते हैं मुख्यमंत्री का ऐसा स्वभाव नहीं। विष्णुदेव लंबे समय तक विधायक और सांसद रहे हैं। केंद्र में मंत्री भी। लेकिन, कभी भी उन पर कोई आरोप नहीं लगा। ऐसे में, छत्तीसग? में काले काम करने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। बीजेपी सरकार के एक साल के कार्यकाल में कुछ मंत्रियों पर जरूर गंभीर आरोप लग रहे हैं मगर वो भी बड़ा स्कैम नहीं बन पाया है क्योंकि, सरकार का उसे संरक्षण नहीं मिल रहा। मंत्री ट्रांसफर, पोस्टिंग तक सिमटे हुए हैं। सरकार के विरोधी सरकार पर स्लो काम करने का आरोप लगा रहे हैं मगर अभी तक कोई गड़बड़ी को एक्सपोज नही कर पाए हैं।

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