रायपुर: खाद्य विभाग की टीम द्वारा रविवार को रायपुर, धमतरी, महासमुंद और राजनांदगांव जिले में स्थित राइस मिलों का औचक निरीक्षण किया गया। रायपुर जिला प्रशासन की टीम द्वारा धरसींवा के दोंदेकला स्थित आरटी राइस इंटरप्राइजेस और गौरी राइस मिल की जांच की। साथ ही बंगोली के जीडी राइस मिल, ओम एग्रोटेक सिर्री और खरोरा के एएनबी राइस मिल की जांच की गई।
जिसमें आरटी राइस मिल (प्रो. प्रमोद जैन) के परिसर पर नियमानुसार कार्रवाई की गई। आरटी राइस मिल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराने के उपरांत भी अनुमति एवं अनुबंध का निष्पादन नहीं कराया गया है। शासकीय धान का उठाव नहीं किया जा रहा है। मिल परिसर में 390 क्विंटल उसना चावल एवं 1200 क्विंटल धान फ्री सेल प्रयोजन के लिए पाया गया, जो कि प्रथम दृष्टया छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश, 2016 का उल्लंघन है।
मिल परिसर को सील कर धान एवं चावल को जब्त कर लिया गया है। जांच दल में तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे, नायब तहसीलदार राजेन्द्र चन्द्राकर, सहायक खाद्य अधिकारी बिन्दु प्रधान शामिल थे। इसके अलावा महासमुंद जिले में श्रीवास्तव राइस मिल, नारायण राइस मिल, मां लक्ष्मी राइस मिल, जिला धमतरी में आकांक्षा राइस मिल, जिला राजनांदगांव में अतुल राइस मिल में जांच टीम द्वारा दबिश दी गई है एवं नियमानुसार जांच की जा रही है।
बृजमोहन अग्रवाल के भाई के करीबी और बीजेपी नेता गफ्फू मेनन का भी नाम
रायपुर के बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल के भतीजे के सेजबहार स्थित गौरी राइस मिल पर छापामारी की गई। साथ ही गरियाबंद BJP नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन के मिल को सील कर दिया गया है। राइस मिलर एसोसिएसन के महामंत्री प्रमोद जैन और विजय तायल के मिल पर भी छापा मार कर सील किया गया है। आर.टी. राईस मिल (प्रो. प्रमोद जैन) के परिसर पर विधिक कार्रवाई की गई।
धान खरीदी से बचने मिलर्स को भड़का कर आंदोलन करवा रहे: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने साय सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, मिलर्स की मांग जायज है। सरकार को तत्काल उसे पूरा करना चाहिए, लेकिन सरकार धान खरीदी से बचने के लिए मिलर्स की समस्याओं को अनसुना कर मिलर्स को भड़काकर आंदोलन करवा रही है, ताकि धान खरीदी प्रभावित हो।
14 नवंबर को धान खरीदी शुरू हुई उस दिन से लेकर आज तक किसान टोकन, बारदाना की कमी, धान तौलाई में गड़बड़ी और प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने के साथ एकमुश्त 3100 रु प्रति क्विंटल की दर से भुगतान की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं।
विपक्ष लगातार धान खरीदी में अव्यवस्था को सुधारने की मांग कर रहा है। इसके बावजूद सरकार हठधर्मिता अपनाए हुए है। रोज नए-नए समस्या उत्पन्न करके धान खरीदी में बाधा उत्पन्न कर रही है।