काकद्वीप से बांग्लादेश लौटे ट्रॉलर के मछुआरों ने एक भयावह अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश की नौसेना ने 16 मछुआरों को घड़ों से बांधकर पीटा और उन्हें नग्न अवस्था में मारने के साथ-साथ उनकी तस्वीरें भी खींची. मछुआरों ने बताया कि यह अत्याचार उनके लिए किसी भयानक दुःस्वप्न से कम नहीं था. वे बांग्लादेश के समुद्र में मछली पकड़ने गए थे, लेकिन अचानक उन्हें बांग्लादेश की नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें न केवल शारीरिक यातनाएं दीं, बल्कि उनकी इंसानियत तक को ठुकरा दिया.
घर लौटे मछुआरे, लेकिन ज़ख्म ताजा
पिछले सोमवार को काकद्वीप उपमंडल के 95 मछुआरे अपने घर लौट आए. लेकिन बांग्लादेशी नौसेना के अत्याचार की यादें उनके दिलो-दिमाग में ताजा हैं. इनमें से 22 बीमार मछुआरों का काकद्वीप उप-विभागीय अस्पताल में इलाज हुआ. अस्पताल के अधीक्षक कृष्णेंदु रॉय ने बताया कि कई मछुआरों के शरीर में खून के थक्के जम गए थे. उनकी मानसिक स्थिति भी बहुत खराब थी, क्योंकि यह अनुभव उनके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत कठिन था.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर के भारतीय मछुआरों की पिटाई पर गुस्सा जताया. गंगासागर दौरे के दौरान उन्होंने कहा, “हमने 95 मछुआरों को वापस लाने में सफलता पाई. लेकिन एक व्यक्ति ने डर के कारण नाव से छलांग लगाई, जिससे उसकी मौत हो गई. उसके परिवार को 2 लाख रुपये की मदद दी जा रही है.” ममता बनर्जी ने इसके बाद यह भी कहा कि उनकी सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और मछुआरों के लिए पूरी सहायता प्रदान की जाएगी.
मछुआरों के लिए विशेष कार्ड की सुविधा
ममता बनर्जी ने मछुआरों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाने की बात कही. उन्होंने कहा, “हम मछुआरों को एक विशेष कार्ड देते हैं, जिससे उनका पता लगाया जा सके. अब अगर मछुआरे किसी परेशानी में होते हैं, तो हम तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं. पहले मछुआरे मर जाते थे, तो कोई उन्हें ढूंढता तक नहीं था.” इस कार्ड के माध्यम से मछुआरों की पहचान और स्थिति का पता चल सकेगा, जिससे उन्हें भविष्य में किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षा मिल सकेगी.
दो देशों के बीच संवाद का प्रयास
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के साथ बेहतर संवाद की आवश्यकता जताई. उन्होंने कहा, “हमारा पड़ोसी देश बांग्लादेश है, और हमें एक-दूसरे के साथ प्यार और सहयोग बनाए रखना चाहिए. मछुआरों की सुरक्षा के लिए हम दोनों देशों के बीच बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने पुलिस स्टेशन से जेल में कैद मछुआरों को छुड़वाने के लिए भी प्रयास किया है.” ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि वे इस मुद्दे को लेकर बांग्लादेश सरकार के साथ लगातार संपर्क में थीं और दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.