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दिवाली के बाद काम से लें कुछ दिनों की छुट्टी, कर आएं शांतिनिकेतन की सैर

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शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बोलपुर के निकट एक छोटा शहर है जो कोलकाता से लगभग 180 किलोमीटर दूर है. इस शहर को प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता किवगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर ने बनाया था. महाकवि टैगोर ने यहां विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. यह शहर प्रत्येक वर्ष हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. शांति निकेतन एक पर्यटन आकर्षण केंद्र इसलिए भी है क्योंकि टैगोर ने अपनी कई साहित्यिक कृतियां यहां लिखीं थीं और यहां पर स्थित उनका घर ऐतिहासिक महत्व रखता है.

विदेशी पर्यटकों के भ्रमण के लिए खास स्‍थल 

निकेतन का अर्थ होता है घर और शांति का अर्थ होता है ऐसा स्‍थान जहां शांत वातावरण हो और आसपास का माहौल आपको शहर की भीड़ से दूर कुछ पल सुकून प्रदान कर सके. कई विख्‍यात हस्तियां जैसे-इंदिरा गांधी, सत्‍यजीत रे, गायत्री देवी, नोबेल पुरस्‍कार विजेता अमर्त्‍य सेन और अबुल गानी खान, शांतिनिकेतन आ चुके हैं. यह स्‍थान देसी और विदेशी पर्यटकों के भ्रमण के लिए खास स्‍थल है. शांतिनिकेतन के दौरे पर आकर आप कट्टरपंथी कला, नृत्‍य और संस्‍कृति को एक साथ देख सकते हैं.

पौष उत्‍सव मनाया जाता है

शांतिनिकेतन में हमेशा कोई न कोई कार्यक्रम चलता ही रहता है. यहां कई प्रकार के सेलिब्रेशन साल भर होते रहते हैं. रविन्‍द्रनाथ टैगोर का जन्‍मदिन अप्रैल मध्‍य में मनाया जाता है. शांतिनिकेतन में हर साल, अगस्‍त/सितम्‍बर के महीने में मानसून के दिनों में पौधों को रोपने का काम किया जाता है जिसे वृक्षारोपण त्‍यौहार के नाम से जाना जाता है. शांतिनिकेतन में ब्रह्मा मंदिर की स्‍थापना के उपलक्ष्‍य में पौष उत्‍सव मनाया जाता है. यह उत्‍सव दिसम्‍बर से जनवरी के बीच में मनाया जाता है, इसमें लोकनृत्‍य, संगीत, कला और संस्‍कृति, खेल और कलाकृतियों को दिखाया जाता है.

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