रायपुर :- गोपाल मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जगद्गुरु श्रीमद् वल्लभाचार्य के वंशज पूज्य गोस्वामी प्रीतिराजा बेटी ने अपने प्रवचन में कहा कि परमात्मा ने सृष्टि की रचना की है और मनुष्य योनि का सृजन किया है। व्यामोहिका माया की वजह से मनुष्य ईश्वर को विस्मृत कर संसार को ही आनंद का विषय समझता है। माया का प्रभाव उन पर ही ज्यादा होता है, जो सत्संग नहीं करते। भक्ति वहां है, जिनके हृदय में दया है, जिसका हृदय अहंकार रहित है। जो प्राणी मात्र में प्रभु का दर्शन करता है। भक्ति तभी फलीभूत होगी जब मेरा, मेरा मैने किया ऐसा बोलना मनुष्य छोड़ेगा। जब व्यामोह का पर्दा हटेगा, तब ही भगवद ज्ञान प्राप्त होगा। भगवान की कृपा दृष्टि से भगवान जीव का वरण करते है और संसार से मुक्ति मिलेगी।
हमें संसार में छिपी माया के विषयों को तजना है और हरि भजन में मन को लगाना है, घर घर नंदालय हो। कार्यक्रम की शुरुआत में गोपाल मंदिर ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी राजकिशोर जी नत्थानी, बद्री दास जी झवर, देवरतन बागड़ी, ओमप्रकाश नागौरी, शांति देवी नत्थानी, फूल बाई नत्थानी, पुष्पादेवी नत्थानी, सुरेश बागड़ी,माला नत्थानी, प्रगति कोठारी, प्रदीप अग्रवाल,शतादी पांडे सुधा थानवी, सुधा डागा, राजकुमार चितलांगिया, हक्कूभाई सोनी, डॉ.कृष्णाकुमार डागा नवलकिशोर राठी ने पुष्प गुच्छ एवं माला से स्वागत किया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने होली के फाग गीत रसिया के साथ झूमते हुए फूलों की होली का आंनद लिया।